बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा, एक दिन में 100 की मौत, देश भर में कर्फ्यू, सोशल मीडिया शटडाउन

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पड़ोसी बांग्लादेश हिंसा में डूबा हुआ है। यह हिंसा नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे को लेकर चल रही है। नौकरियों में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर शुरू हुआ आंदोलन उग्र हो गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की जा रही है. प्रदर्शनकारियों और सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों के बीच हिंसा जारी है.

रविवार को हुई इस हिंसा में 14 पुलिसकर्मियों समेत 100 लोगों की जान चली गई. सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. हालात इतने खराब हैं कि देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाना पड़ा है. इंटरनेट बंद कर दिया गया।

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा व्यवस्था ख़त्म करने की मांग को लेकर छात्र लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब हमारी एक ही मांग है, पीएम शेख हसीना का इस्तीफा.

बांग्लादेश के एक प्रमुख अखबार प्रोथोम अलो ने अपनी खबर में कहा कि देशभर में हिंसक झड़पों, गोलीबारी और जवाबी कार्रवाई में अब तक 100 लोग मारे गए हैं. पुलिस मुख्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक देशभर में 14 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है. इसमें एक ही थाने सिराजगंज इनायतपुर के 13 पुलिसकर्मी मारे गये थे. 300 पुलिसकर्मी घायल हैं.

भयावह स्थिति…

इस मुद्दे पर बांग्लादेश में हिंसा की कई घटनाएं हो चुकी हैं. प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के परिजनों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण को समाप्त करना है। इससे पहले जब हिंसा भड़की थी तो कोर्ट ने कोटा की सीमा कम कर दी थी. प्रदर्शनकारी अब शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. अब तक 11,000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन, सत्ताधारी पार्टी के दफ्तर और उसके नेताओं के घर पर हमला किया है. कई गाड़ियां जला दी गईं. सरकार ने मेटा प्लेटफॉर्म फेसबुक, मैसेंजर, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम को बंद करने का आदेश दिया है।