आगामी 5 फरवरी को वसंत पंचमी है। इस अवसर पर जहां माता सरस्वती की आराधना व पूजा करने का महत्व ज्योतिषियों ने बताया है वहीं यह भी बताया गया है कि यदि माता सरस्वती की ’’ ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोहे, हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोहे’’ सरल मंत्रों से आरधना करे तो ही माता लक्ष्मी की प्रसन्नता प्राप्त हो जाती है। माघ के माह की पंचमी को वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।
इस दिन पीले वस्त्र पहनने देवी सरस्वती को पीले पुष्प अर्पित करने का भी विधान ज्योतिषियों ने बताया है। मौसम का सुहाना होना इस अवसर को ओर अधिक रूमानी भी बना देता है। इस तिथि को ज्ञान पंचमीभी कहा जाता है। भारत में वसंत ऋतु का आरम्भ होता है। इस दिन सरस्वती पूजा भी की जाती है। वसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के मध्य भाग से पहले की जाती है। इस समय को पूर्वाह्न भी कहा जाता है। देवी सरस्वती की पूजा के साथ यदि सरस्वती स्त्रोत भी पढ़ा जाए तो अद्भुत परिणाम प्राप्त होते हैं और देवी प्रसन्न होती हैं।