लखनऊ। आगामी यूपी चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने जीत के लिए अपनी कमर कंस ली है। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य समेत भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बागी नेता आज शुक्रवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। एक ओर जहां सपा ने अपने कार्यालय में हुए इस कार्यक्रम को वर्चुअल रैली का नाम दिया, वहीं दूसरी ओर इस कार्यक्रम में भारी भीड़ मौजूद थी। इस दौरान लोगों ने कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं किया। इसी कड़ी में अब अखिलेश यादव इसकी वजह से मुश्किल में फंस सकते हैं क्योंकि लखनऊ के डीएम ने इस पर जांच के आदेश दे दिए हैं।
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वहीं लखनऊ के जिलाधिकारी (DM) अभिषेक प्रकाश ने कहा कि समाजवादी पार्टी का कार्यक्रम बिना अनुमति के हुआ। सूचना मिलने पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस टीम को सपा दफ़्तर भेजा गया। रिपोर्ट के आधार पर ज़रूरी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में लखनऊ समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर भीड़ इकट्ठा करने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को हटाया। मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना का पालन कराने के लिए पुलिस ने भीड़ को हटाने कार्यालय पहुंची थी। इस दौरान पुलिस और प्रशासन, कोविड नियमों को फॉलो कराने के लिए लगातार ऐसी जगहों पर मॉनिटर कर लोगों को तितर-बितर कर रहा है।
वहीं कमिश्नर लखनऊ डीके ठाकुर ने कहा कि, जहां पर भी भीड़ इकट्ठा हो रही है वहां पर पुलिस को भेजकर कोविड के नियमों का पालन करवाया जा रहा है। सपा कार्यालय के बाहर भी सोशल मीडिया पर सूचना मिली थी जिसके बाद पुलिस को भेजकर कोविड प्रोटोकाल का पालन करवाया गया था। इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिलेश ने यह भी कहा कि वह चुनाव आयोग की बनाई गाइडलाइंस का पालन भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि, ‘किसी ने नहीं सोचा था कि चुनाव ऐसा भी होगा। अब वर्चुअल रैली की बात है, कि डिजिटल प्लेटफॉर्म से हमें अपनी बात कहनी है। ये सही है कि वर्चुअल और डिजिटल में भी हम चीजों को जानते हैं लेकिन जो ताकत हमारे कार्यकर्ताओं में फिजिकली है, उसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता। अगर ये लोग डिजिटल-वर्चुअल चलेंगे तो हम समाजवादी लोग डिजिटल-वर्चुअल और फिजिकल भी चलेंगे। घर-घर, गांव-गांव जाएंगे।’