उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रहीं हैं। शनिवार को कानपुर की एक आदालत ने मंत्री को शस्त्र अधिनियम के 35 साल पुराने में दोषी ठहराया हैं। वहीं आज सीएमएम कोर्ट के पेशकार ने मंत्री राकेश सचान समेत तीन लोगों के खिलाफ कानपुर में कोतवाली थाने में एफआईआर के लिए तहरीर दी है। इस पूरे मामलें की छनबीन में कानपुर पोलिस जट गई हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान जो मामला सामने आएगा उसी के आधार पर कार्यवाही करेंगे।
गौरतलब है कि, राकेश के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के मामलें की कार्यवाही एसीएमएम आलोक यादव के कोर्ट में चल रहा चल रहा था। इस मामलें का फैसला शनिवार को होना था, लेकिन फैसला आने से पहले मंत्री राकेश सचान कोर्ट से भाग निकले। उनके वकील ने ऑर्डर कॉपी छीनने की कोशिश की, हालांकि ऑर्डर कॉपी छीनने की पुष्टि किसी ने नहीं की गई है। लेकिन कस्टडी में लेने से पहले ही मंत्री राकेश सचान भाग निकले।
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वहीं विपक्षी दल के नेता व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मामलें पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, “बीजेपी के मंत्री के साथ-साथ फरार आईपीएस को भी ढूंढ लीजिएगा।”
ये बोले अधिकारी
मामलें की कार्यवाही जारी ही थी वकील अपनी दलीलें दे ही रहें थे। इतने में मंत्री सचान वहां से भाग गए। मामलें की छामबीन जारी हैं। सीसीटीवी फुटेज चेक किये जायेंगे। एसीपी कोतवाली की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी। ज्वाइंट कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने कोर्ट के पेशकार ने मंत्री के खिलाफ कोतवाली थाने में तहरीर दी है।
सचान का कहना है कि, एसीएमएम की कोर्ट पहुंचे थे। पुराने मामले में फैसला सुनाने की बात सामने आई थी। लेकिन अचानक तबियत खराब होने पर वह चले गये थे। अगली तारीख के लिए एप्लिकेशन दी गयी है। जिसे जज ने रख लिया और फाइल लेकर मंत्री के भागने वाली बात गलत है।