हाल ही में पिछले दिनों एक वेब सीरीज ‘अनदेखी” एप्पलाज इन्टरटेनमेंट द्वारा , सोनी चेनल पर रिलीज हुई है जिसके निर्माता सिद्धार्थ सेनगुप्ता है । आशीष आर. शुक्ला का निर्देशन उच्चकोटि का है , कई दृश्य तो बेहद प्रशंसनीय है जैसे पैदल दोड़ने की श्रृंखला हो या कि जंगल में भागने की श्रृंखला , सुन्दरबन के दृश्य भी बेहद प्रभावी है ।निर्देशन बेहद कल्पनाशीलता से सधा हुआ है।
यह वेब सीरीज एक क्राइम थ्रिलर है ,और इसका कथानक सुन्दरबन में एक पुलिस अधिकारी की हत्या से शुरु होकर मनाली के एक रिजॉर्ट तक पंहुचता है । पापा जी (हर्ष छाया )रिसार्ट का मालिक है । वह जंगलों का बड़ा ठेकेदार रह चुका होता है और उसका उस क्षेत्र में बड़ा रुतबा और धाक है । पापा जी (हर्ष छाया) का बड़ा लड़का दमन(अंकुर राठी) जो यूएसए से लौटा है की शादी तेजी मलहोत्रा ( अंचल सिहं ) से हो रही है , का माहौल रहता है और तेजी का पिता मलहोत्रा सेना का बड़ा कमांडर होता है । रिसॉर्ट के मालिक पापा जी की सेना के कमांडर मल्होत्रा से बहुत अच्छी दोस्ती के साथ , कमांडर पर काफी एहसान होते हैं । रिसोर्ट के मालिक पापा जी का छोटा बेटा रिकूं ( सूर्या शर्मा ) मनाली और आसपास के क्षेत्र का एक कुख्यात एय्याश और माफिया डॉन है।
समस्या दरपेश आती है जब सुंदरबन की दो लड़कियों को उनके प्रमोटर और स्थानीय प्रमोटर के साथ मनाली शादी में डान्स के लिए बुलाया जाता है और साथ ही दिल्ली से एक फोटोग्राफरस् की टीम शादी की कवरेज करने के लिए बुलाई जाती है जिसकी टीम की लीडर होती है एक सलोनी (एन जोया ) नाम की लड़की जो दुल्हन तेजी की सहेली है । तेजी जो मां बाप मलहोत्रा की इकलौती अल्ट्रा मॉडर्न लड़की है ,खुले आम सिगरेट पीती है और मोका आने पर सिगरेट अपनी मां से शेअर करती है । चूंकि पापाजी का बड़ा लड़का दमन ( अंकुर राठी) यूएस में जॉब करता है और शादी के बाद वही सेटल हो जाएगा इस कारण कमांडर अपनी लड़की को इस परिवार में देने के लिए राजी हो जाता है । समस्या तो जब खड़ी होती है कि रिसोर्ट के मालिक पापा जी जो हमेशा शराब के नशे में धूत रहता है से डांस करती हुई लड़कियों में से एक पर गोली चल जाती है और वह वहीं मर जाती है जिसकी लाश को छोटा बेटा रिकूं अटवाल अपनी गेगं से ठिकाने लगवा देता है परन्तु फोटोग्राफर टीम का लड़का ऋषि इस पूरे वाकये को शूट कर लेता है और डर कर अपने रिसोर्ट में दिए हुए कमरे में चला जाता है वहां वह टेप की कॉपी अपने मोबाइल पर करना चाहता है परंतु इसी बीच रिकूं अटवाल वहां आ जाता है और मजबूरन ऋषि को टेप बाहर गार्डन में फेंकनी पड़ती है।
अब जब ऋषि टेप ढूंढने जाता है तो गलती से रिसार्ट में थोड़ा आगे चले जाता है वहां देखता है कि दूसरी डांसर और उसका सुंदरवन का दलाल वहां आउट हाउस में कैद होते हैं और कुत्तों की फौज वहां पहरा देती । यह जानकर ऋषि बहुत परेशान हो जाता है और वह वापस आकर टेप ढूंढता है और टेप उसे मिल जाती है । टेप ढूंढते हुए उसे रिसोर्ट में ठहरे हुए एक मेहमान दंपति देख लेते हैं जो इस घटना का विवरण रिकूंअटवाल के गुर्गे लकी( वरुण भगत) को दे देते हैं , लकी फोटोग्राफर टीम को दिए हुए कमरे में आता है वहां से ऋषि डर से भागता है और गुर्गो की टीम उसका पीछा करती है और अन्तत: ऋषि को पकड़ लेते हैं और उसे लाकर अन्य कैदियों के साथ आउट हाउस में कैद कर देते हैं । सलोनी रिकूं अटवाल से सौदा करती है और एडवांस मांगती है ।
रिकूं अटवाल उसका शारिरिक शोषण करने के बाद भी धोखा देता है । सुंदरबन का डीएसपी बरुण घोष ( दिबेन्दु भट्टाचार्य) सुन्दरबन, कोलकाता से मनाली आकर डांसर की हत्या के बारे में तफ्तीश करता है जिसकी सूचना ऋषि उसे फोन पर देता है वह बार-बार रिसोर्ट में आता है और शादी के माहौल में परेशानी खड़ी करता है और पापा जी(हर्ष छाया )को आखरी में गिरफ्तार भी करता है और फिर बाद में उसे प्रेशर के कारण छोड़ना भी पड़ता है । रिकूं अटवाल कि यहां जीत होती है अंततः रिकूं अटवाल , डीएसपी वरुण घोष से मिलकर सेटिंग कर पूरे मामले को ऋषि के खिलाफ कर देता है । बड़ी मुश्किल से ऋषि और डांसर (अपेक्क्षा अग्रवाल) और उसका दलाल जब जंगल में भागते हैं तो रिकूं अटवाल उनके पीछे पुलिस और जंगलात के रेंजर को भी लगा देता है।
इसी दरमियान ऋषि का एक दोस्त (अभिजीत ताहिन ) जो एक न्यूज चैनल में चीफ एडिटर है वह भी कहानी में प्रवेश करता है। नक्सल लड़की ,जो डांसर है , ऋषि की रिकूं द्वारा निर्मम हत्या और सुन्दर बन के दलाल की रेन्जर की टीम द्वारा हत्या के बाद वापस डीएसपी बरून घोष के पास सरेंडर करने लौटती है मगर वहां रेंजर द्वारा उसकी हत्या कर दीजाती है और उसके बाद रिकूं अटवाल का दुर्दांत गुंडे का रूप सामने आता है और डीएसपी बरूण घोष को भी रिकूं अटवाल के सामने हथियार डालने पड़ते हैं और सारा मामला रिकूं अटवाल के चाहने के अनुसार हो जाता है , ऋषि को अपराधी करार देकर वह पापाजी को बचा लेता है । सलोनी और उसकी पूरी टीम और चैनल का चीफ एडिटर बहुत ही अपमानित होने के बाद मनाली से दिल्ली लौटते हैं , सलोनी को एक पैसा भी नहीं मिलता । रिंकू अटवाल अंततः दमन और तेजी की शादी करवाने में कामयाब होता है और कहानी खत्म होती है।
इस वेब सीरीज को देखने के बाद सबसे पहली पीड़ा दायक प्रतिक्रिया है कि सीरीज में बिना किसी खास कारण के मात्र रिंकू अटवाल की अय्याशी स्टेबलिश करने के लिए उन्मुक्त सहवास के कई दृश्य डाले गयें है । दिल्ली फोटोग्राफरस की टीम और मनाली रिसार्ट की टीम द्वारा बेहिसाब नंगी नंगी गालियों का उपयोग यहां तक कि पापा जी हर्ष छाया चोबीस घंटे नशे में धुत होकर लगातार धाराप्रवाह गालियां बोलता है और उसके बेटे दमन के बारे में भी कई अश्लील कमेंट करता है , ये सब बहुत निन्दनीय है । अश्लीलता की सारी हदें गालियों और अश्लील दृश्यों में पार की गईं है । बरुण घोष जो पुलिस में डीएसपी होने के बाद भी एक भी गाली का प्रयोग नहीं करता है यह बड़ा अजीब लगता है । आजकल बनाई जा रही सभी वेब सीरीजेस में अश्लीलता और नंगी नंगी गालियों का खुलेआम प्रयोग हो रहा है जो हमारे समाज की युवा पीढ़ी के लिए बहुत ही घातक है ।
इस वेब सीरीज के लेखक हैं सिद्धार्थ सेनगुप्ता और वरुण वडोला । वेब सीरीज का एंमियांस मनाली और सुंदरबन होने से दर्शकों को न सिर्फ प्रभावित करेगा बल्कि आनंद भी देगा । मुर्ज पगडीलवाला की सिनेमोटोग्राफी बेहद आकर्षक है ।
हर्ष छाया का अभिनय लाजवाब है और सलोनी के पात्र की एन जोया , रिकूं अटवाल बने सूर्या शर्मा , नक्सल लड़की अपेक्षा अग्रवाल ने भी अच्छा अभिनय किया । बरुण घोष बने नबेन्दु भट्टाचार्य का निर्दोष सधा हुआ अभिनय बेहतरीन है ।
चन्द्रशेखर बिरथरे ‘पथिक’