Ujjain Simhastha 2028 : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में सिंहस्थ 2028 के संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि उज्जैन में हरिद्वार की तरह साधु संतों और महंतों के लिए स्थायी आश्रम बनाने की अनुमति दी जाएगी। उनका कहना था कि उज्जैन की पहचान साधु संतों से जुड़ी है, और इस धार्मिक आयोजन के लिए यह आवश्यक है कि साधु संतों को उचित ठहरने की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
सिंहस्थ के आयोजन की तैयारी
आज मेला कार्यालय, उज्जैन में माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘सिंहस्थ 2028’ के विषय पर आयोजित प्रेस वार्ता में पत्रकार बंधुओं के समक्ष अपने विचार साझा किए। साथ ही उज्जैन-इंदौर मेट्रो कार्य एवं उज्जैन में एयरपोर्ट के विषय में भी जानकारी दी।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री… pic.twitter.com/Equ1otmdCS
— Office of Dr. Mohan Yadav (@drmohanoffice51) October 21, 2024
सीएम यादव ने बताया कि 12 साल में एक बार होने वाला सिंहस्थ महापर्व 2028 में आयोजित किया जाएगा। इस दौरान साधु संतों को कथा, भागवत जैसे आयोजनों के लिए पर्याप्त स्थान की आवश्यकता होगी। इस दृष्टि से, प्रदेश सरकार ने आश्रमों के निर्माण की प्राथमिकता के साथ योजना बनाई है।
उज्जैन का धार्मिक विकास
मुख्यमंत्री ने उज्जैन को धार्मिक नगरी के रूप में विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाने की बात की। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे जैसे सड़कें, बिजली, जल आपूर्ति और जल निकासी प्रणाली का विकास किया जाएगा। साधु संतों के आश्रमों का निर्माण भी इसी क्रम में किया जाएगा।
आश्रम निर्माण के नियम
सीएम यादव ने बताया कि साधु संतों को आश्रम बनाने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। केवल 5 बीघा के भूखंड पर ही भवन का निर्माण किया जा सकेगा, जबकि 4 बीघा का खुला स्थान पार्किंग आदि के लिए उपलब्ध रहेगा। यह अनुमति केवल साधु-संतों, महंतों, और अखाड़ा प्रमुखों को दी जाएगी, व्यक्तिगत या व्यवसायिक उपयोग के लिए नहीं।
इंदौर-उज्जैन मेट्रो परियोजना की स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि इंदौर-उज्जैन मेट्रो ट्रेन के संचालन की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। इसके अलावा, उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन कार्य की टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उज्जैन के धार्मिक स्वरूप को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य किए जाएंगे, जिसमें एयरस्ट्रिप का उन्नयन कर एयरपोर्ट बनाने की योजना भी शामिल है।
धार्मिक आयोजनों की बढ़ती संख्या
डॉ. यादव ने यह भी कहा कि महाकाल महालोक बनने के बाद से उज्जैन में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है, जिससे धार्मिक आयोजनों का क्रम जारी है। यह योजना धर्मावलंबियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी, जिससे उनकी सुविधाओं में वृद्धि होगी।