परिवहन अधिकारी रीना किराडे पर लोकायुक्त में भ्रष्टाचार का आरोप, एजेंट को भेजकर मांगे 10 हज़ार रुपए

इंदौर लोकायुक्त ने ट्रैप कार्रवाई कर बड़वानी परिवहन विभाग में रिश्वतखोरी का खुलासा किया, जहां एक एजेंट को ₹10,000 लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। जांच में जिला परिवहन अधिकारी रीना किराडे की संदिग्ध भूमिका सामने आने पर उन्हें भी आरोपी बनाया गया।

Abhishek Singh
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लोकायुक्त संगठन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए इंदौर लोकायुक्त टीम के जरिए एक ट्रैप ऑपरेशन सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह कार्रवाई लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख के निर्देशों के तहत की गई, जिसमें जिला बड़वानी के परिवहन विभाग में गंभीर लापरवाही और रिश्वतखोरी का मामला उजागर हुआ। शिकायतकर्ता चेतन शर्मा, जो बड़वानी जिले के अंजड़ के निवासी हैं, ने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद यह कार्रवाई शुरू हुई।

परिवहन विभाग में रिश्वतखोरी का खुलासा

शिकायत के सत्यापन के बाद 4 जून 2025 को लोकायुक्त ट्रैप दल का गठन किया गया। निर्धारित योजना के अनुसार, एजेंट विवेक मलतारे को फरियादी चेतन शर्मा से ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। यह भी सामने आया कि फरियादी को विवेक से मिलने की सलाह स्वयं जिला परिवहन अधिकारी रीना किराडे ने दी थी, जिससे अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध मानी गई। इसी आधार पर रीना किराडे को भी आरोपी बनाया गया है। अब दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और बीएनएस की धारा 61(2) के तहत विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है।

कथित निर्देश पर एजेंट से हुआ संपर्क, भ्रष्टाचार का भंडाफोड़

चेतन शर्मा ने बड़वानी जिला परिवहन कार्यालय में लाइसेंस नवीनीकरण और नए लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। इस प्रक्रिया के दौरान जब उन्होंने जिला परिवहन अधिकारी रीना किराडे से संपर्क किया, तो अधिकारी ने उन्हें विवेक मलतारे नाम के एक निजी एजेंट से मिलने की सलाह दी। डीटीओ के निर्देश पर जब चेतन ने एजेंट से मुलाकात की, तो विवेक ने लाइसेंस से संबंधित कार्य कराने के लिए 10,000 रुपये की रिश्वत मांगी। इसके बाद चेतन ने पूरे मामले की लिखित शिकायत इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में पुलिस अधीक्षक (विपुस्था) राजेश सहाय को सौंपी।