आज गुरुवार, मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी तिथि है।
आज धनिष्ठा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
आज स्कन्द सृष्टि है। चम्पा षष्टि है।
-आज सायं 04:33 बजे से पञ्चक प्रारम्भ होंगे।
-आज के दिन विक्रम संवत् 1500 की मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी को मॉंगरोल में रणछोड़ रायजी प्रकट हुए थे।
-भक्तराज नरसी मेहता के चाचा पर्वत जी के घर के पास की बावड़ी में रणछोड़ रायजी प्रकट हुए थे।
-उनका वही प्राचीन विग्रह आज भी मॉंगरोल में विराजित है।
-स्कन्द पुराण के प्रभास खण्ड में ब्राह्मणों के 16 क्षेत्रवासी भेद बताए गए हैं।
-काशी की रक्षा के लिए असी और वरणा नामक दो नदियॉं हैं। इसलिए काशी को “वाराणसी” के नाम से भी पहचाना जाता है।
-तुलसी दल और गङ्गाजल बासी होने पर भी वर्जित नहीं है। (स्कन्द पुराण)
-भगवान विष्णु के दो सुप्रसिद्ध पार्षद जय और विजय महर्षि कर्दम और देवहूति के पुत्र हैं।
-गण्डकी नदी के तट पर ही गज और ग्राह को श्रीहरि ने मुक्ति प्रदान की थी।
-तबसे ही वह क्षेत्र हरि क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध है।