आज है माघ कृष्ण पक्ष द्वितीया/ तृतीया तिथि, इन बातों का रखें ध्यान

Mohit
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विजय अड़ीचवाल

आज गुरुवार, माघ कृष्ण पक्ष द्वितीया/ तृतीया तिथि है।
आज आश्लेषा/मघा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

-कल शुक्रवार को तिल चतुर्थी व्रत है। स्थानीय समयानुसार चन्द्रोदय रात्रि 09: 14 बजे होगा
-माघ मास की तिल चतुर्थी से मासिक या वर्ष की चार चतुर्थी का व्रत आरम्भ किया जा सकता है।
-व्रत आरम्भ करने से पहले उस व्रत का संकल्प करना चाहिए।
-तिल चतुर्थी के दिन गणेशजी को तिल और गुड़ (तिलकुटा) का भोग लगाया जाता है।
-गुरु, शुक्र तारा अस्त होने तथा उनके बाल एवं वृद्ध होने और अधिक मास में कोई भी व्रत प्रारम्भ नहीं करना चाहिए और ना ही व्रत का उद्यापन करना चाहिए।
-अशौच (सूतक) होने पर, वार, नक्षत्र, योग इत्यादि उचित नहीं होने पर तथा अमावस्या आदि निषिद्ध अतिथियों में व्रत का आरम्भ तथा उद्यापन नहीं करना चाहिए।
-महाभारत अनुशासन पर्व 106/11 – 13 में चारों वर्णों के उपवास की समय अवधि बताई गई है।
-उपवास का प्रथम अर्थ है यज्ञ के यजमान का गार्हपत्य अग्नि के समीप वास करना।
-उपवास का गौण अर्थ है – फलाहार करना या निरशन (निराहार) रहना।
-व्रत की समाप्ति के बाद उपवास को छोड़कर देवता का प्रसाद (भोजन) ग्रहण करने को पारणा कहते हैं।