मत्स्य न्याय

Shivani Rathore
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कमसिन भेड़ो का गोश्त
चाव से खा रहे है भेड़िए

आजकल रोज बेख़ौफ़
दावतें उड़ा रहे है भेड़िए

डर लगे भी उन्हें तो किसका
रखवाला दोस्त बना रहे है भेड़िए

भेड़ें किस पर करे भरोसा
उनकी खाले ओढ़ रहे है भेड़िए

गड़रिया है गफलत में
ये जान रहे है भेड़िए

शहर में भी है जंगल का कानून
भलीभांति समझ रहे है भेड़िए

     धैर्यशील येवले इंदौर ।