पैन कार्ड और आधार कार्ड में ये है मुख्य अंतर, ये जानकरी बनाती है दोनों को अलग

Share on:

पैन कार्ड सबसे जरूरी डाक्यूमेंट्स में से एक है। क्योंकि इसके बिना आज कोई काम नहीं होता है। सभी सरकारी काम में पैन कार्ड का होना बहुत ही जरूरी है। पैन कार्ड एक बार ही बनाया जाता है, अगर कोई जानकारी दे दी जाए तो उसे अपडेट किया जा सकता है। लेकिन पैन कार्ड एक बार ही बनाया जाता है। वैसे तो इनकम टैक्सपेयर्स के लिए पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है। लेकिन अगर आप टैक्सपेयर्स नहीं है तो भी पैन कार्ड का होना बहुत ही जरूरी है। फाइनेंस ट्रांजैक्शन से लेकर कई जगह पैन कार्ड का होना बहुत ही जरूरी हो जाता है। लोन लेने से लेकर सरकारी दस्तावेज में भी पैन कार्ड की जरूरत होती है।

लेकिन आज के इस आर्टिकल में हम आपको पैन कार्ड और आधार कार्ड की अहमियत बताने वाले हैं कि भारत में वैसे तो पैन कार्ड और आधार कार्ड दोनों ही सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक है और इन दोनों का उपयोग बहुत ही महत्वपूर्ण काम के लिए किया जाता है। अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो आप वित्तीय लाभ नहीं उठा सकते हैं। तो आधार कार्ड सरकारी योजनाओं और पहचान के दस्तावेज के रूप में काम आता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको इन दोनों ही दस्तावेजों के न रहने से आपके कितने काम रुक सकते हैं और इन दोनों की क्या अहमियत है क्या बताने वाले हैं बताते हैं।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराना बहुत ही अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में अगर पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक नहीं कर पाते हैं तो आपको जुर्माने के आधार पर ₹500 देकर पैन कार्ड को आधार से लिंक कराना होगा। इसके लिए आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 थी। लेकिन अब आखिरी तारीख 30 जून की गई थी। इसके बाद भी अगर पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक नहीं कराया है और अगर अब करवाना चाहते हैं तो उसके लिए ₹1000 का जुर्माना देना होगा। लेकिन अब पैन कार्ड यूजर्स आधार को 31 मार्च 2023 के बाद इन्हें लिंक नहीं कर पाएंगे। आपको बताते हैं कि पैन कार्ड और आधार कार्ड क्या है और इन दोनों में क्या अंतर है।

पैन कार्ड

पैन कार्ड वैसे तो 10 अंको का अल्फान्यूमैरिक नंबर होता है। इसका उपयोग बैंक, टैक्स, वित्तीय लेनदेन के लिए इसका उपयोग करते हैं। इसमें पैन यूजर की पूरी जानकारी दी हुई होती है। जो कि आयकर विभाग के पास क्यों होती है। पैन कार्ड को ट्रैक करके आयकर विभाग व्यक्ति के वित्तीय लेनदेन की पूरी जानकारी ले सकता है। पैन कार्ड के बिना बहुत सारे काम रुक सकते हैं, जैसे बैंक के लेनदेन, प्रॉपर्टी की खरीदारी, शेयर मार्केट में इन्वेस्ट, रजिस्ट्री आदि जैसे काम पैन कार्ड के बिना संभव नहीं है।

आधार कार्ड

आधार कार्ड हमारा पहचान पत्र होता है। इसमें 12 अंकों का नंबर होता है, जो कि भारतीय नागरिक की पहचान को दर्शाता है। आधार में किसी भी भारतीय निवासी के बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक जानकारी दोनों सेव होती है। आधार कार्ड यूआईडीएआई नाम की संस्था जारी करती है और इसका उपयोग देश में पहचान पत्र के रूप में करते है।

Must Read- सातवां वेतन आयोग: डीए बढ़ोतरी से पहले कर्मचारियों को मिली अच्छी खबर, सरकार ने की बड़ी घोषणा

पैन कार्ड और आधार कार्ड में

अकाउंट नंबर का उपयोग वित्तीय लेनदेन को ट्रैक करने के लिए होता है और व्यक्ति की पहचान और उसका स्टेटस को देखने के लिए किया जाता है। पैन कार्ड का सामान्यता उपयोग इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से सीबीडीटी के निर्देशों पर यूजर्स के लिए जारी होता है। पैन कार्ड का सबसे महत्वपूर्ण काम प्रत्येक नागरिक के करों का भुगतान हो रहा है या नहीं इसको देखने का होता है। व्यक्ति के इनकम स्टेटमेंट को देखना इसका मुख्य उद्देश्य होता है।

आधार कार्ड सरकार की एजेंसी यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से जारी किया जाता है। इसमें यूनिट नंबर दिया हुआ होता है जो कि व्यक्ति के पहचान को बताता है। आधार कार्ड का उपयोग वैसे तो व्यक्ति की पहचान करने के लिए होता है। व्यक्ति भारत का नागरिक है तो उसके पास आधार कार्ड का होना जरूरी है, क्योंकि यह एक पहचान पत्र है। भारत सरकार के प्रत्येक पंजीकृत व्यक्ति के बारे में एक डेटाबेस रखने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। आधार कार्ड में कई जानकारी दी हुई होती है और इसके अलावा व्यक्ति की उंगलियों के निशान, आईरिस स्कैन, फोटो होता है। यह सारी जानकारी सिस्टम में सेव कर दी जाती है, जिससे व्यक्ति की पहचान करना आसान हो जाता है।

दोनों के डाटा में अंतर

पैन कार्ड और आधार कार्ड में डाटा अलग-अलग होता है, जैसे कि आधार कार्ड में आईरिस स्कैन, फोटोग्राफ, फिंगरप्रिंट सिग्नेचर, नाम, पता, जन्मतिथि और एड्रेस आदि की जानकारी दी हुई होती है। तो वहीं पैन कार्ड में अकाउंट नंबर, नाम, जन्म तारीख, एड्रेस और सिग्नेचर की जानकारी दी हुई होती है।