इंदौर : मध्यप्रदेश टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन, टेक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ़ एमपी, स्पिनर्स क्लब ऑफ इंडिया, एमपी मिल्स स्टोर्स और मर्चेंट एसोसिएशन द्वारा केंद्रीय बजट पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। गुरुवार को जाल सभागृह में आयोजित इस कार्यक्रम में के मुख्य अतिथि मंजीत ग्रुप के डायरेक्टर मंजीत सिंह चावला थे। परिचर्चा में कपड़ा जगत के दिग्गज बजट के बाद कपड़ा उद्योग पर पड़ने वाले परिवर्तन को लेकर मंथन किया। इस बजट परिचर्चा में निकले संशोधनों को वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा।
इस कार्यक्रम के आर्थिक विश्लेषक डॉ. जयंती लाल भंडारी, सीए सुनील पी जैन, सीएस अजित जैन व अर्थशास्त्री डॉ. कमलेश भंडारी आदि सहित विभिन्न एक्सपर्ट ने बजट पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में टेक्सटाइल जगत से जुड़े 100 से ज्यादा उद्योगपति, मैनुफैचरिंग्स और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि ने हिस्सा लिया।सौगातों और सुधारों का अभूतपूर्व राजनीतिक बजट
आर्थिक विश्लेषक डॉ. जयंती लाल भंडारी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2023-24 का बजट एक ऐसा दूरदर्शी और रणनीतिक बजट है, जिसके सिक्के पर एक ओर आर्थिक सौगातें दिखाई दे रही हैं, वहीं दूसरी ओर विकास दर बढ़ाने वाली रणनीति है। इसी आधार पर वित्त मंत्री ने वर्ष 2023-24 के लिए 6 फीसदी से अधिक की विकास दर का अनुमान जताया जो कि दुनिया की सर्वाधिक विकास दर होगी। साथ ही वित्त मंत्री ने राजकोषीय प्रबंधन का बेहतर रोडमैप प्रस्तुत करते हुए वित्तीय घाटे को जीडीपी के 5.9 फीसदी तक रखने का आदर्श लक्ष्य निर्धारित किया है।
यह कोई छोटी बात नहीं है कि अमृत काल का यह पहला बजट चुनौतीपूर्ण वैश्विक आर्थिक हालत में देश ही नहीं दुनियाभर में इसलिए रेखांकित हो रहा है क्योंकि इस बजट से एक ओर भारत खाद्यान्न व ऊर्जा आपूर्ति के वैश्विक मददगार देश के रूप में दुनिया में नई भूमिका के लिए आगे बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था के रूप में रेखांकित हो रहा भारत 2026-27 तक पांच ट्रिलियन डॉलर के साथ-साथ विकसित अर्थव्यवस्था वाला देश बनने की डगर पर आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे सकेगा।विकास की राह बढ़ाएगा
टेक्सटाइल एसोसिएशन के राष्ट्रीय चेयरमैन एवं मप्र. मिल स्टोर मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अशोक वेदा ने कहा कि टेक्सटाइल देश का दूसरी सबसे ज्यादा रोजगार देने वाली इंडस्ट्री है। प्रदेश टेक्सटाइल में लगातार ग्रो कर रहा है पहले जहां प्रदेश में 6 लाख स्पाइंडल हुआ करते थे वहीं अब इनकी संख्या 40 लाख तक पहुंच गई है। सरकार द्वारा टेक्सटाइल इंडस्ट्री के विकास के लिए लगातार काम किए जा रहे है। इस बार का बजट विकास के लिए रास्ता और बढ़एगा। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स की सीमा 10 लाख रुपए तक की होनी चाहिए थी, वहीं पब्लिक प्रोविडेंट फंड की बचत को 5 लाख रुपए तक कर देना चाहिए जो कि अभी 1.50 लाख रुपए है।
आज के समय में सीनियर सिटीजन को पेंशन आदि सुविधाएं नहीं है तो उनके लिए भी कुछ प्रावधान किया जाना चाहिए था। जहां तक इंडस्ट्री का सवाल है चो जीएसटी में राहत की अपेक्षा थी कई आयटमों में 18 प्रतिशत का टैक्स है जितना तो मुनाफा भी नहीं होता है और व्यपारी का निवेश बहुत बढ़ जाता है अत: इसे कम किया जाना चाहिए था। कुल मिलाकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी वर्गों के लिए प्रयास किया जो कि सराहनीय है।
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संतुलित और विकास में सहायक
मुख्य अतिथि मंजीत फाइबर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर मंजीत सिंह चावला ने कहा कि पेश किया गया बजट संतुलित एवं देश के विकास में सहायक है। किसी भी सरकार का प्रयास होता है कि बजट के जरिए सभी वर्गों को खुश रखा जाए और इस बजट के जरिए सरकार ऐसा करने में बहुत हद तक सफल भी रही है।
कम हुआ राजकोषीय घाटा
निवेश सलाहकार सीएस अजित जैन ने कहा कि इस बजट की खास बात यह है कि राजकोषीय घाटे में जो कमी आई है उससे देश के विकास में मदद मिलेगी। बजट में 6% इकोनॉमी ग्रोथ बात की गई है इससे बैंकिंग सेक्टर में 15% तक बढ़ जाएगा, इससे लोगों को लोन भी ज्यादा मिलेगा और अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। सीनियर सिटीजन की इन्वेस्टमेंट 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपए करने का निर्णय काफी बेहतर है।
नए रोजगार का होगा सृजन
अर्थशास्त्री डॉ. कमलेश भंडारी ने कहा कि यह बजट रोजगार को बढ़ाने वाला सिद्ध होगा। पूंजीगत व्यय एवं रेलवे के लिए किए गए प्रावधान से बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था है और सरकार ने तीसरे नम्बर पर ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह बजट इस लक्ष्य को प्राप्त करने का माध्यम बनेगा।
सूक्ष्म और लघु व्यवसाय के लिए वरदान
सीए सुनील पी जैन ने कहा कि वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष कर में यह प्रावधान प्रस्तावित किया है की आगामी वर्ष से सूक्ष्म और लघु व्यवसाय के वस्तु और सेवा सप्लायर को भुगतान के आधार पर ही व्यवसाय में उस खरीदी और खर्चे की छूट मिल सकेगी किसी भी लघु और सूक्ष्म व्यवसायी को अनिवार्य रूप से बिल की तारीख से 15 दिन और अगर लिखित अनुबंध होने पर अधिकतम 45 दिन के अंदर भुगतान करना अनिवार्य होगा अन्यथा उस खर्चे से छूट तभी मिल पाएगी जब वाकई भुगतान कर दिया जाए यह प्रावधान ऐसे छोटे व्यवसाय के लिए एक वरदान के रूप में है इसके अलावा ऐसे ही उद्योगों के लिए कॉलेटरल फ्री लोन प्राप्त करने की समय सीमा भी बढ़ा दी गई है।
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कॉटन की पैदावर बढ़ाने पर भी दिया ध्यान
मध्य प्रदेश टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी एमसी रावत ने कहा कि बजट में सात प्राथमिकताओं “सप्तऋषि” का उल्लेख किया गया है जो आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगा। बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता देने से लॉजिस्टिक लागत कम होगी। हरित विकास पर ध्यान दिया गया। पिछले साल 600 करोड़ रुपये के मुकाबले 2023-24 के लिए एटीयूएफ (अमेंडेड टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड) योजना के लिए 900 करोड़ रुपये का बढ़ा हुआ आवंटन, एटीयूएफ के लंबित क्लेम को दूर करने में मदद करेगा। एक्स्ट्रा-लॉन्ग स्टेपल (ईएलएस) कॉटन की पैदावार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने से वैल्यू एडेड कपड़ों के निर्माण में वृद्धि होगी और ईएलएस कपास के आयात को कम करने में भी मदद मिलेगी।
बीटी टेक्नोलॉजी की शुरुआत के बाद, उद्योग को ईएलएस कपास की कमी का सामना करना पड़ा। ईएलएस कपास की उद्योग की आवश्यकता लगभग 20 लाख बेल्स है, जबकि देश केवल 5 लाख बेल्स का उत्पादन करता है ऐसे में बेहतर गुणवत्ता वाले ईएलएस कपास के लिए हमें आयात पर निर्भर रहना पड़ता था।