ये 11 नदियां करेंगी महाकाल की गर्मी से सुरक्षा, शिवलिंग पर होगी मटकियों की छांया

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गर्मी से राहत पाने के लिए हर कोई तरह-तरह के उपाय करता है। दरअसल, मई का महीना अभी शुरू हुआ ही नहीं है ऐसे में गर्मी धीरे धीरे रफ्तार पकड़ती नजर आ रही है। ऐसे में बाबा महाकाल को भी गर्मी से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि बाबा महाकाल को गर्मी से बचाने के लिए उनके ऊपर अब ठंडे जल की धारा प्रवाहित की जा रही हैं। उन्हें गर्मी नहीं लगे इसके लिए आज से मंदिर के पंडित और पुजारियों ने मिलकर ठंडे पानी की गलंतिका शिव लिंग के ऊपर बांध दी हैं।

इसमें से लगातार पानी शिव लिंग पर आ रहा है। खास बात ये है कि उनके शिवलिंग के ऊपर जो मटकियां लगाई गई है। उसमें 11 नदियों का पानी शामिल किया गया है। मान्यता है कि भगवान महाकालेश्वर को वैशाख एवं ज्येष्ठ मास की तपती गर्मी से बचाने के लिए पुजारी-पुरोहित हर साल शिवलिंग के ऊपर 11 गलंतिका (मटकी) बांधते हैं। इन मटकियों से सुबह भस्म आरती से लेकर संध्या पूजन से पहले तक भगवान महाकाल पर ठंडे जल की धारा प्रवाहित की जाती है। ये महीनों तक चलता रहता है।

जैसा की आप सभी जानते है महाकालेश्वर कैलाश निवासी हैं। ऐसे में गर्मी में शीतलता पहुंचाने के लिए गर्मी के मौसम में दो माह भक्त इस तरह का जतन करते है। इसी प्रकार तेज ठंड में भगवान को गर्मजल से स्नान कराने की परंपरा निभाई जाती है। चांदी के कलश की जलधारा के अलावा मिट्टी की 11 मटकियों से भी जलधाराएं प्रवाहित की जाती है। बता दे, इन मटकियों पर गंगा, यमुना, गोदावरी सहित अन्य नदियों के नाम लिखे जाते हैं। मान्यता है कि भगवान महाकाल इससे तृप्त होकर राष्ट्र और प्रजा के कल्याण के लिए सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।