अगले 48 घंटों में इन जिलों में गरज-आंधी तूफान के साथ होगी मूसलाधार बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Meghraj
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इन दिनों मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड ने सभी को अपनी चपेट में ले लिया है। उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण राज्य के अधिकतर इलाकों में शीतलहर (Cold Wave) और कोल्ड डे (Cold Day) जैसी स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस ठंड के असर के अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है। आइए जानते हैं इस समय राज्य में मौसम के हालात और क्या भविष्य में और भी ठंड बढ़ेगी।

प्रदेश में मौसम का मिजाज

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण राज्य के कई हिस्सों में शीतलहर (Cold Wave) का असर बढ़ा है। बीते 24 घंटों में शाजापुर, शहडोल, जबलपुर, सिवनी, नौगांव, पचमढ़ी, नीमच, कटनी जैसे इलाकों में शीतलहर चली। खासकर पचमढ़ी के अधिकांश क्षेत्रों में ओस से बनी बर्फ की सफेद चादर छा गई है, जो ठंड का एहसास और भी बढ़ा रही है।

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इन जिलों में शीत लहर का अलर्ट

मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) और पहाड़ों पर बर्फबारी का असर राज्य के मौसम पर देखने को मिल रहा है। अगले 4 दिनों तक कड़ाके की ठंड जारी रहने की संभावना है। विभाग ने 13 दिसंबर को प्रदेश के कई जिलों में शीतलहर और कोल्ड-डे का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान, न्यूनतम तापमान में और गिरावट आ सकती है।

इन जिलों में तापमान में गिरावट दर्ज

मध्य प्रदेश का प्रमुख हिल स्टेशन पचमढ़ी, जहां तापमान 3.4°C तक गिर चुका है, इस समय कश्मीर और मनाली जैसी ठंड महसूस हो रही है। यहां की ओस से बर्फीली चादर और सर्द हवाओं ने मौसम को और भी सर्द बना दिया है। 13 दिसंबर के मौसम के अनुसार, ग्वालियर में 4.6°C, रायसेन में 4.4°C, जबलपुर में 6.2°C, भोपाल में 6.8°C और इंदौर में 10°C तापमान रिकॉर्ड किया गया। राजधानी भोपाल में तापमान सामान्य से 4.5°C कम था, जिससे सर्दी का अहसास और भी बढ़ गया। मौसम विभाग के अनुसार, दिसंबर के अंत से जनवरी के पहले सप्ताह तक कड़ाके की ठंड और कोल्ड वेव की स्थिति बनी रहने की संभावना है। इस दौरान, राज्य के अधिकांश हिस्सों में शीतलहर, सर्द हवाएं और घना कोहरा देखने को मिल सकता है।

अगले कुछ दिनों में और बढ़ेगी ठंड

मौसम विभाग के मुताबिक, अगले कुछ दिनों तक ठंड का असर तेज रहेगा। विशेषकर उत्तर-पश्चिम भारत के ऊपर सक्रिय जेट स्ट्रीम और बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र का प्रभाव राज्य में जारी रहेगा। इससे उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवाएं और तेज हो सकती हैं, जो मध्य प्रदेश में ठंड का असर और बढ़ा सकती हैं।