बीते कुछ दिनों से प्रदेश में मौसम का मिजाज बदलने लगा है। कल शनिवार सवेरे सवेरे ही प्रदेश के कई जिलों में आंशिक रूप से मेघों का जमावड़ा देखने को मिला। वहीं वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के असर के कारण ऐसा हो रहा है। लद्दाख, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में भयंकर स्नोफॉल के चलते वहां से कुछ सर्द हवाएं मध्य प्रदेश की तरफ पैर पसार सकती हैं। वहीं, महाराष्ट्र, गोवा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के कुछ इलाकों में मामूली वर्षा के कारण तेज में हवाओं का सिलसिला लगातार जारी हैं।
कृषकों के लिए हिदायत
खेती कार्यालय ने कृषकों को हिदायत दे दी है कि मध्यप्रदेश में छिटपुट जगहों पर वर्षा हो सकती है। ऐसे में काटी गई फसलों को भारी क्षति पहुंच सकती हैं। इसीलिए वह अपनी खेत की फसलों को सेफ प्लेस पर रख लें।
यहां धुआंधार वर्षा का अंदेशा
दरअसल मौसम कार्यालय ने अंदेशा जताया है कि ग्वालियर, चंबल, उज्जैन संभाग में छिटपुट जगहों पर मामूली वर्षा हो सकती है। 16 अक्टूबर मतलब सोमवार को भी ग्वालियर, चंबल, उज्जैन, भोपाल, सागर, रीवा, इंदौर संभाग के जिलों में मामूली वर्षा होने का अंदेशा जताया गया है।मौसम कार्यालय ने अंदेशा जताया है कि इतवार यानी की आज से प्रदेश के मौसम में पुनः परिवर्तन देखने को मिल सकता है। कई स्थानों पर में डेरा डाले रह सकते हैं। वहीं कुछ एक इलाकों में सामान्य वर्षा दर्ज की जा सकती है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस 15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक ग्वालियर चंबल सागर रीवा और उज्जैन संभाग में तूफानी वर्षा करवा सकता है। इसके बाद 18 अक्टूबर से प्रदेश में इसका प्रभाव थोड़ा कम हो सकता है। फिर प्रदेश के कम से कम टेंपरेचर भारी में मंदी आ सकती है और 20 अक्टूबर के पश्चात प्रदेश में शीत ऋतु अपना भयानक रूप ले सकती हैं।
टेंपरेचर में कोई कमी नहीं
आपको बता दें कि प्रदेश के मौसम में परिवर्तन के मध्य भी सबसे ज्यादा टेंपरेचर में भी कोई खास अभाव देखने को नहीं मिला है। शनिवार को सबसे ज्यादा टेंपरेचर दमोह में 37.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। रीवा में 36. 02, खजुराहो में 37.4, गुना में 37.4, ग्वालियर में 36.9, भोपाल में 36.7, शिवपुरी में 36, उज्जैन में 35.02, जबलपुर में 34.8 डिग्री सेल्सियस सबसे ज्यादा टेंपरेचर रिकॉर्ड किया गया हैं।