प्रदेश में बीते कुछ दिनों से निरंतर एक के बाद एक कई सारे बदलाव देखने को मिल रहे हैं। वहीं मौसम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कुछ ही दिनों में मानसून मध्यप्रदेश से विदाई लेने वाला हैं। प्रदेश के 17 जिलों से मानसून के लौटने का अंदेशा कई दिनों से सामने आ रहा हैं। इन जिलों में बरसात का प्रभाव भी काफी कम देखने को मिल रहा है। यहां वर्षा न होने के चलते इन जिलों में ग्रीष्म का भी जोरदार प्रभाव देखने को मिल रहा है। वहीं अगर ऐसा सतत चलता रहा तो कुछ ही दिनों में हमें भीषण गर्मी से सामना करना पड़ सकता हैं।
इन जिलों से मानसून की विदाई
दरअसल प्रदेश में एक बार पुनः वर्षा के आसार कम दिखाई दे रहे हैं। MP के 17 जिलों से मानसून फिर से लौट रहा है। आपको बता दें कि प्रदेश की राजधानी भोपाल, नर्मदापुरम, सागर सम्भागों के भिंड, ग्वालियर, दतिया,निवाड़ी, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, राजगढ़, शाजापुर, आगर, उज्जैन, नीमच मंदसौर,रतलाम, झाबुआ, धार और इंदौर में फिलहाल अभी तूफानी वर्षा हो सकती है। मगर हालात उत्पन्न होने वाले 1-2 दिनों में बदल भी सकती है।
इन जिलों में होगी धुआंधार वर्षा
एक और जहां मौसम कार्यालय ने 17 जिलों में वर्षा न होने के संकेत जताए हैं। इसी के साथ वहीं तरफ कई जिलो में बारिश होने की संभावनाएं भी प्रबल आशंका जताई जा रही हैं। आपको बता दें कि आज प्रदेश के सिंगरौली, सीधी, अनूपपुर, शहडोल, रीवा, सतना,उमरिया, कटनी डिंडौरी में छिटपुट जगहों पर सामान्य से भारी वर्षा के साथ आंधी तूफान समेत बालों की तेज गर्जना जताई गई हैं। इसके अतिरिक्त डिपार्टमेंट ने बालाघाट, पन्ना, बैतूल समेत कई जिलों में वज्रपात की भी चेतावनी जारी कर दी है।
क्या कहता है मौसम विशेषज्ञों का अनुमान
मौजूदा समय में कम नमी का इलाका उत्तरी छत्तीसगढ़ पर निर्मित हुआ हैं, वहीं साइक्लोनिक हवाओं का चक्र मध्य महाराष्ट्र के मध्य बना हुआ है। इसके अतिरिक्त द्रोणिका रेखा दक्षिणी छत्तीसगढ़ से मध्य महाराष्ट्र की ओर पहुंच रही है, जिससे नमी आ रही है और वर्षा का आगमन हो रहा है। इस वक़्त दक्षिण महाराष्ट्र और दक्षिण झारखंड में भिन्न भिन्न जगहों पर कम नमी के इलाके बने हुए हैं, लेकिन इनका ग्वालियर-चंबल और इंदौर संभाग में अधिक असर नहीं है, गौरतलब हैं कि मानसून की विदाई रेखा गुलमर्ग, धर्मशाला, पंतनगर, इटावा, मुरैना, सवाई-माधोपुर, बाड़मेर से पहुँच रही है।