मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सिरपुर तालाब उद्यान में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापना हेतु भूमिपूजन किया। इस स्थल पर नगर निगम द्वारा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की जा रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भारत की संत परंपरा अत्यंत समृद्ध रही है, और स्वामी विवेकानंद इस परंपरा के एक अद्वितीय संत थे। उनका संपूर्ण जीवन सेवा और त्याग का प्रतीक रहा। उन्होंने जीवन में तर्क और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को महत्व दिया—’मैं देखूंगा तभी मानूंगा’ उनकी इसी सोच का परिचायक है। उनका दृढ़ विश्वास था कि साहस, आत्मबल और सामर्थ्य के बल पर व्यक्ति अपनी सभी कमजोरियों पर विजय प्राप्त कर सकता है।

कार्यक्रम के दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सुझाव दिया कि उद्यान में प्रतिमा स्थापना के साथ एक पुस्तकालय का निर्माण भी किया जाए, जिसमें स्वामी विवेकानंद से संबंधित साहित्य उपलब्ध हो। यह युवाओं को जीवन में सफलता का मार्ग दिखाने में सहायक सिद्ध होगा। मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि सिरपुर तालाब उद्यान शीघ्र ही शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनेगा। यहां का प्राकृतिक वातावरण प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करता है। इसी स्थान पर नगर निगम द्वारा स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
चाय की चुस्की के लिए रोका काफिला
सिरपुर तालाब भ्रमण के पश्चात मुख्यमंत्री मोहन यादव कनाड़िया स्थित अहिल्या बावड़ी के निरीक्षण के लिए पहुंचे। मार्ग में उन्होंने काफिला रुकवाया और कनाड़िया के एक होटल में चाय के साथ गाठियों का स्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने स्वयं नाश्ते का भुगतान भी किया। इसके उपरांत उन्होंने अहिल्या बावड़ी का लोकार्पण किया, जिसका जीर्णोद्धार इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा एक करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।