उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) इन दिनों प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास कर रहे है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि यहां के अफसरों ने ही तबादलों में गड़बड़झाला कर डाला। उनका स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद को कहना है कि वर्तमान सत्र में जो भी स्थानांतरण हुए है, उनमे से स्थानांतरण नीति का पूर्णत: पालन नहीं किया गया है। साथ ही यह भी कहा कि जिन-जिन का स्थानांतरण हुआ है, उनके तबादले का कारण स्पष्ट किया जाए। साथ ही विवरण उपलब्ध भी कराया जाए।
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जानकारी के लिए बता दें तबादला नीति 15 जून को जारी की गई थी। साथ ही तबादला करने की आखिरी तारीख 30 जून थी। ऐसे हुआ कि लगभग सभी ने अंतिम दिन ही तबादले करवाए और ऐसे में थोक तबादले किए गए। वैसे तो कई विभागों में तबादलों में मनमानी और गड़बड़ियों होने की चर्चाएं चल रही है। बता दें इस विभाग की जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री पाठक के पास है। वहीं इस घटना को लेकर उन्होंने खुद भी प्रश्न किए है।
हालांकि कल यानि सोमवार को इसे लेकर उन्होंने अपर मुख्य सचिव को विस्तार से पत्र लिखा। उसमें तबादला नीति के पूर्णत: पालन न होने की बात कहने के साथ ही लिखा है कि लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जिलों के बड़े अस्पतालों में जहां विशेषज्ञ डाक्टरों की अत्यंत आवश्यकता है, वहां से बड़ी संख्या में डाक्टरों को हटा दिया गया है। उनके स्थान पर किसी अन्य विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं की गई है। यहां देखे पूरा पत्र।