- स्नेहलतागंज पत्थर गोदाम स्थित श्री गुजराती स्थानकवासी जैन संघ श्रावक-श्राविकाओं ने लिया प्रवचनों का लाभ, आज यात्रा शुद्धि से सिद्धि की ओर विषय पर होंगे प्रवचन
इन्दौर : जिस प्रकार एक मृग रेगिस्तान में पानी के भ्रम में तेज गति से भागता है तब उसके पास गति तो होती है लेकिन दिशा सही नहीं होने से निराशा हाथ लगती है। ठीक उसी तरह आज हमारे जीवन में गति तो है, लेकिन सही दिशा या मार्ग नहीं है। बगैर सही दिशा या मार्ग के हमारा जीवन पशु तुल्य है। विज्ञान ने हमें ज्ञान तो दिया लेकिन दिशा नहीं दी। अगर हमें जिंदगी सफल बनाना है तो सामने वाला अगर आग बने तो हमें पानी बन जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी पत्थर पर गिरता है तो वह अंदर नहीं जाता और मिट्टी पर गिरे तो सोख लेता है।
उक्त विचार स्नेहलतागंज पत्थर गोदाम स्थित श्री गुजराती स्थानकवासी जैन संघ उपाश्रय में तीन दिवसीय प्रवचन श्रृंखला में यात्रा गति से दिशा की ओर विषय पर आचार्यश्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी मसा ने व्यक्त किए। उन्होंने अपने प्रवचन में आगे कहा कि सागर के पास अथा जल है लेकिन वह खारा है, नदी का पानी कम है लेकिन वह मीठा है। सागर संग्रह करता है और नदी देती रहती है। जहां संग्रह है वहां विग्रह है। उन्होंने कहा कि प्रभु के पास कोई आग बनकर आता है तो प्रभु आग नहीं बनते। घर को अगर स्वर्ग बनाना है तो घर में एक आग बने तो दूसरे को पानी बन जाना चाहिए। वहीं अगर हो सके तो किसी की आराधना के दिए में घी डालना पर बुझाने का काम नहीं करना चाहिए।
श्री नीलवर्णा पाश्र्वनाथ मूर्तिपूजक ट्रस्ट एवं चातुर्मास समिति संयोजक कल्पक गांधी एवं अध्यक्ष विजय मेहता ने बताया कि स्नेहलतागंज पत्थर गोदाम स्थित श्री गुजराती स्थानकवासी जैन संघ में आचार्यश्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी मसा तीनों दिनों तक प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे। शनिवार 22 जून को आचार्यश्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी मसा यात्रा शुद्धि से सिद्धि की ओर विषय पर प्रवचन देंगे। वहीं रविवार 23 जून को समापन पर यात्रा दु:ख से सुख की और विषय पर प्रवचन होंगे।