मध्य प्रदेश की मुरैना सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना ने 2.70 रुपए प्रति यूनिट का ऐतिहासिक न्यूनतम टैरिफ हासिल कर देश में पहली बार यह कीर्तिमान स्थापित किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत स्वच्छ और किफायती ऊर्जा के क्षेत्र में नए मुकाम हासिल कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से ग्रीन एनर्जी उत्पादन और स्टोरेज को एक नई दिशा मिलेगी। अब तक देश में केवल 50% पीक ऑवर्स और 85% वार्षिक उपलब्धता मिलती थी, जबकि मुरैना परियोजना 95% वार्षिक उपलब्धता के साथ नया मानक पेश करेगी। इससे सुबह और शाम के पीक ऑवर्स में 440 मेगावॉट बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री ने इसे भारत की ऊर्जा संक्रमण यात्रा का मील का पत्थर बताते हुए कहा कि मुरैना परियोजना भविष्य में 24 घंटे समान स्तर पर स्वच्छ और सस्ती बिजली आपूर्ति का मार्ग प्रशस्त करेगी। यह परियोजना न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश को ऊर्जा सुरक्षा, किफायती दरों और पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में मजबूत करेगी।
ई-रिवर्स नीलामी में नई प्रतिस्पर्धा और रिकॉर्ड बोली
19 सितंबर को संपन्न ई-रिवर्स नीलामी में 16 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने हिस्सा लिया। यूनिट-1 के लिए Ceigall India Ltd ने 2.70 रुपये प्रति यूनिट और यूनिट-2 के लिए Acme Solar Holding Ltd ने 2.764 रुपये प्रति यूनिट की दर से निविदा जीतकर नया रिकॉर्ड स्थापित किया। इस टैरिफ ने स्पष्ट कर दिया कि नवकरणीय ऊर्जा अब कोयला आधारित बिजली की तुलना में अधिक किफायती है। परियोजना से चंबल क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी मजबूती मिलेगी। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी।
तीन हिस्सों में पूरा होगा प्रोजेक्ट
मुरैना सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना, जिसे रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड ने विकसित किया है, तीन चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में रियल टाइम सोलर ऊर्जा का उत्पादन होगा, दूसरे चरण में शाम के पीक ऑवर्स में बैटरी से 220 मेगावॉट बिजली आपूर्ति की जाएगी, और तीसरे चरण में सुबह बैटरी से अतिरिक्त 220 मेगावॉट बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। इस व्यवस्था से लागत में खासा बचाव होगा और बैटरी का उपयोग दिन में दो बार किया जा सकेगा।