नई दिल्ली। देश में जहा एक ओर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का कहर है वही, दूसरी ओर देश में भूकंप का झटके नहीं थम रहे है। इसी कड़ी में अब हिमालय पर्वतमाला में बड़ा भूकंप आने की आशंका है और भविष्य में अगले बड़े भूकंप की तीव्रता आठ या इससे अधिक भी हो सकती है। साथ ही एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है। वही, अध्ययनकर्ताओं ने कहा है कि इस तरह की प्राकृतिक आपदा के आने से इस घनी आबादी वाले देश में जानमाल की अभूतपूर्व क्षति हो सकती है।
साथ ही, अध्ययन में इस बात का भी कही गयी है कि, भविष्य में हिमालय पर्वतमाला में आने वाला भूकंप 20वीं सदी में ‘अलेउटियन सबडक्शन जोन’ में आये भूकंप के समान हो सकता है, जिसका विस्तार अलास्का की खाड़ी से सुदूर पूर्व रूस के कामचटका तक था। साथ ही, अगस्त महीने में सेस्मोलॉजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित समीक्षा में मूलभूत भूगर्भीय सिद्धांतों का इस्तेमाल कर पूर्व ऐतिहासिक भूकंपों के आकार और समय का आकलन किया गया तथा भविष्य के खतरों का अनुमान लगाया गया है।
वही, अध्ययन के लेखक स्टीवन जी वेस्नौस्की ने बताया कि, समूची हिमालय पर्वतमाला, पूर्व में अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में पाकिस्तान तक अतीत में बड़े भूकंपों का स्रोत रही है। वेस्नौस्की ने कहा कि, ‘ये भूकंप फिर से आएंगे और इसमें आश्चर्य नहीं है कि अगला बड़ा भूकंप हमारे जीवनकाल में ही आएगा।’
भूकंप विज्ञानी एवं भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के प्राध्यापक सुप्रियो मित्रा ने यह भी बताया कि, अध्ययन पूर्व में किये गये अध्ययनों से मिलता जुलता है। अध्ययन के मुताबिक, हिमालय में स्थित भ्रंश आठ से अधिक तीव्रता वाला भूकंप ला सकता है। उन्होंने कहा कि, चंडीगढ़ और देहरादून तथा नेपाल के काठमांडू जैसे बड़े शहर हिमालय में आने वाले भूकंप के प्रभाव क्षेत्र के नजदीक हैं। साथ ही, बड़े भूकंप के दायरे में हिमालय और दक्षिण में स्थित राजधानी दिल्ली भी आ सकती है।