पूरा देश खड़ा है जवानों की शान में…जगह बचाकर रखना अपने कब्रिस्तान में

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प्रखर वाणी 

कश्मीर में आतंकवादी फिर हलचल मचा रहे हैं…हमारे खुफिया तंत्र को अपनी हरकतों से नचा रहे हैं…पाकिस्तानी मुफ़लिसों के शैतानी मंसूबे चढ़ रहे हैं…हमारे सैनिक अपनी जान की परवाह किये बगैर रोज लड़ रहे हैं…हमारे जवानों की भी खूब शहादत हो रही है…पूरे देश की आत्मा उनके लिए रो रही है…सैनिक गोलियां उनके सीने में भी बो रहे हैं…हम उनको बेवजह ही अपनी सरजमीं पर ढो रहे हैं…ये कट्टरपंथी आतताइयों का कातिल मंजर है…अपने ही घोंप रहे हमारी पीठ पर खंजर है…

स्थानीय लोग यदि मदद करें न तो इन विदेशी नपुंसकों के हौसले पस्त हो जाये…हमारे जांबाज जवानों की काया देखकर ही उनकी पतलून में दस्त हो जाये…मगर कुछ घर के भेदी ही लंका ढहा रहे हैं…हमारा खाकर , हमारे यहां पाकर पाक की तरफ जा रहे हैं…ये बर्दाश्त नही किया जा सकता कि फिर कोई जयचंद हमारे वतन से गद्दारी करे…जिनका नमक खा रहे हैं , जिनसे सुविधाएं पा रहे हैं उनके साथ तो वफादारी करे…हालांकि हालातों पर नियंत्रण सरकार की नीति का परिणाम है…इसीलिए किसी बड़ी दुर्घटना को नहीं मिल रहा अंजाम है…

हमने घर में घुसकर उनसे बदला लिया है और धूल चटाई है…उनके अस्सी हजार नपुंसकों ने युद्ध में समर्पण कर अपनी इज्जत लुटाई है…मगर कुत्ते की पूंछ भोंगली में रखकर भी सीधी नहीं होने वाली है…आतंकवादियों को प्रश्रय देने वाला दुश्मन ही कर रहा उनकी रखवाली है…हमारे घर में घुसकर हमारे ही सैनिकों पर वार करने का दुस्साहस कर रहे हैं…उनकी इन हरकतों पर सहयोग करने वाले उनमें हथियारों व नोटों का साहस भर रहे हैं…वो भूल रहे हैं कि जंग का परिणाम जंग होता है और खून का बदला खून…हमारे शूरवीरों को इजाजत मिल गई ना तो उनके सर मच जाएगी तांडव की धुन…

फिर एक एक को चुन चुन कर मारेंगे…कराची तक पीछे खदेड़ देंगे हिम्मत नहीं हारेंगे…आतंक मचाने वालों तुम अपनी औकात में रहो ये अब पुराना वाला भारत नहीं रहा…मुखिया शेर है इस देश का जिसने सदैव खदेड़ दो सालों को ऐसा ही कहा…तुम्हारी शरण स्थली कब्रगाह बन जाएगी ये जान लेना…हमने ठान ली है अब तुम्हारे खात्मे की इसको दिल से मान लेना…

निकल पड़े हैं सर पर कफ़न बांधकर मेरे देश के सच्चे सपूत…उनको रोकने की हिमाकत कर सके ऐसा आजतक पैदा नहीं हुआ है कपूत…तुम्हारे अड्डों पर मौत का तांडव होगा…तुम्हारी लाशों को जहाज महल में लटका देने वाला मांडव होगा…मोटा भाई हो या रक्षा विभाग का पहरेदार…सबके हैं वतन परस्ती के धुंआधार किरदार…पूरा देश खड़ा है जवानों की शान में…तुम जगह बचाकर रखना अपने कब्रिस्तान में ।