विपक्षी सांसदों का निलंबन लिया वापस, ये बोले- स्पीकर

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चार कांग्रेस सांसदों का निलंबन वापस ले लिया गया है। विपक्ष के साथ सहमति के बाद सस्पेंशन खत्म करने के लिए प्रस्ताव लाया गया था। जुलाई के आखिरी में संसद में प्लेकॉर्ड दिखाने के चलते कांग्रेस के चार सांसदों को लोकसभा से पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। जिन चार सांसदों को निलंबित किया गया था, वे मनिकम टैगोर , टीएन प्रतापन , जोथिमणि और राम्या हरिदास हैं।

लोकसभा में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के दौरान तख्तियां दिखाकर प्रदर्शन करने और आसन की अवमानना करने के मामले में 25 जुलाई को कांग्रेस के इन चार सदस्यों को चालू सत्र की शेष अवधि के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था।

ये बोले-स्पीकर

इन सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन की सहमति से वह यह व्यवस्था दे रहे हैं कि अब कोई भी सदस्य आसन के पास और आसन के सामने तख्तियां लेकर नहीं आएगा। स्पीकर का कहना था कि संसद देश की सर्वोच्च संस्था है। संवाद और चर्चा से इस सदन की प्रतिष्ठा स्थापित की गई है।

पूर्व अध्यक्षों और सदस्यों ने संवाद और चर्चा के माध्यम इस सदन की प्रतिष्ठा बढ़ाई। उन्होंने कहा, ‘‘इस सदन की मर्यादा की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी। चर्चा से ही समसयाओं का समाधान निकलेगा। आजादी के बाद संसद से बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान निकला, आजादी का अमृतकाल चल रहा है, आपसे आग्रह है कि आप सदन की मर्यादा बनाए रखें।

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इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष को यह भरोसा दिलाना चाहिए कि उसके सदस्य सदन में तख्तियां लेकर नहीं आएंगे और आसन के सामने तख्तियां नहीं लहराएंगे। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा, ‘‘पिछले दिनों सदन में हुई घटनाओं ने हम सबको आहत किया है। मुझे भी आहत किया है और देश की जनता को भी पीड़ा पहुंची है।’’

ओम बिरला ने कहा, ‘‘सभी दलों के नेता बात करें और स्वयं सदस्य भी नियम प्रक्रिया को बनाए रखे, इस सदन में तख्ती लेकर नहीं आना चाहिए. हमें न चाहते हुए कार्रवाई करनी पड़ती है, प्ले कार्ड लेकर आएंगे तो मुझे कार्यवाही करनी पड़ेगी।’’

ये बोले- कांग्रेस नेता अधीर

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘‘हम सभी लोग यहां देश के आम लोग आम लोगों की चर्चा के लिए आते हैं। हम जनता के मुद्दों की ओर सरकार का ध्यान का आकर्षित करने के लिए यहां हैं। आम लोगों की तकलीफों का निवारण करने के लिए जिस हद तक प्रयास होना चाहिए, वह हम कर रहे हैं।’’