सड़कों पर शुरू हुआ संग्राम…उपचुनाव नहीं, लग रहा यह चुनाव हैं आम…

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कौशल किशोर चतुर्वेदी
मध्यप्रदेश में होने वाले चार उपचुनावों में भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। नामांकन के आखिरी दिन यह साफ हो चुका है कि अब सरकार और विपक्ष, मैदान में ही आमने-सामने हिसाब-किताब बराबर करके रहेंगे। दोनों ही दलों का दावा है कि उनका पलड़ा भारी है। पर बारी अब मतदाताओं की है कि किस प्रत्याशी की किस्मत चमकाएंगे और किसको बाहर का रास्ता दिखाएंगे। फिलहाल तो दोनों दल और उनके प्रत्याशी उत्साह से भरे हैं और राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निशाना साधा है कि कांग्रेस ने कभी कुछ दिया है क्या बताओ ? आज कांग्रेस के पास क्या धरा है? आज कांग्रेस के दिग्विजय सिंह सड़कों पर ट्वीट कर रहे हैं। वाह रे दिग्गी राजा, तेरे राज में सड़कों में गड्ढे थे या गड्ढों में सड़क। हालत यह थी कि गाड़ी खाए हिचकोले, हड्डा पसरा सारे डोले, याद आ गए शंकर भोले।

अब वही दिग्गी राजा सड़क पर ट्वीट कर रहें है शर्म नहीं आती भाई। गौरतलब है कि चर्चा में आए राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर सड़कों पर आरोप प्रत्यारोप नामांकन के आखिरी दिन ही तेज़ हो गए हैं। दिग्विजय ने खस्ताहाल सड़क की तस्वीर ट्वीट कर उसे मध्यप्रदेश की सड़क बताया था। और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनके सालों पहले दिए गए बयान की याद दिलाई थी कि वाशिंगटन से हमारे मध्यप्रदेश की सड़कें अच्छी हैं।

दिग्गी के ट्वीट पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार किया।उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह अंतरराष्ट्रीय झूठे हैं। इस प्रकार झूठ बोल कर राजनीति करना ठीक नहीं है। दिग्विजय सिंह कहीं की सड़क कहीं की बता रहे हैं। केंद्र सरकार ने गांव-गांव को सड़कों से जोड़ दिया है। आज के समय भारत में रोड टूरिज्म विकसित हो रहा है। दिग्विजय सिंह के समय लोग जब सड़कों पर चलते थे तो देखते थे गड्ढा कितना बड़ा है।

चुनाव उम्मीदवारों की तस्वीर फिलहाल साफ है, खंडवा में भाजपा के ज्ञानेश्वर पाटिल के सामने कांग्रेस के राजनारायण पुरनी, जोबट में सुलोचना रावत के सामने महेश पटेल, रैगांव में प्रतिमा बागरी के सामने कल्पना वर्मा और पृथ्वीपुर में शिशुपाल यादव के सामने नितेंद्र राठौर। दिलचस्प यह है कि भाजपा ने उपचुनावों में टिकट वितरण में परिवारवाद से किनारा किया है और शिवराज ने एक बार फिर कांग्रेस के परिवारवाद नेहरू-इंदिरा-राजीव-राहुल,प्रियंका पर निशाना साधते हुए पृथ्वीपुर में कहा कि यह चुनाव वंशवाद को समाप्त करने का चुनाव है।

पृथ्वीपुर में कांग्रेस ने विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन पर उनके बेटे नितेंद्र को उम्मीदवार बनाया है और कांग्रेस को सहानुभूति वोट मिलने की उम्मीद है, जबकि इसके उलट भाजपा ने सहानुभूति वोट और परिवारवाद से किनारा कर खंडवा में नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्ष और रैगांव में जुगलकिशोर बागरी के बेटे पुष्पराज बागरी की दावेदारी को दरकिनार कर नए उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। एक और महत्वपूर्ण अंतर है कि दो सामान्य सीटों पर कांग्रेस ने सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को ही टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने दोनों उम्मीदवार ओबीसी से चुने हैं।

फिलहाल उपचुनाव का सूरज चढ़ते-चढ़ते दिनों-दिन आरोप-प्रत्यारोप तीखे होंगे तो कई नए-पुराने मुद्दे भी सड़कों पर उछलकूद करते नजर आएंगे। पर फैसला मतदाता के हाथ है और खंडवा लोकसभा उपचुनाव में 19,68,768 मतदाता हैं तो पृथ्वीपुर विधानसभा में 1,98,391, रैगांव विधानसभा में 2,07,435 और जोबट विधानसभा में 2,75,279 मतदाता हैं। इनमें से कितने मतदाता मतदान केंद्र पर पहुंचकर मतदान करने में रुचि दिखाते हैं और किसका पलड़ा भारी करते हैं, यह मतगणना के बाद 2 नवंबर को सबके सामने होगा।