पूर्व PM Rajiv Gandhi के हत्यारों को किया रिहा, केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका की दायर

Author Picture
By Rohit KanudePublished On: November 17, 2022

सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई पर मुहर लगा दी है। इसके बाद केंद्र सरकार ने आदालत में पुनर्विचार याचिका दायर की है। बता दें कि, पूर्व पीएम के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने 30 साल से अधिक की सजा काटने की वजह से रिहा किया गया है। इन दोषियों की रिहाई के लिए तमिलनीडू की तत्कालीक मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने सिफारिश की थी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नलिनी, रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस, सुतेन्द्रराजा उर्फ संथन, श्रीहरन उर्फ मुरुगन और जयकुमार जेल से बाहर आ गए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में इन सभी लोगों के 30 साल से अधिक समय से जेल में बंद रहने को आधार माना था।

पूर्व PM Rajiv Gandhi के हत्यारों को किया रिहा, केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका की दायर

Also Read : पंजाब में एक और सिंगर को मिली जान से मरने को धमकी, पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा

सुप्रीम कोर्ट ने बीते 11 नवंबर को इस हत्याकांड के सभी दोषियों की रिहाई का आदेश दिया था। केंद्र का कहना है कि उन्हें सुने बिना इस मामले का आदेश दिया गया। पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के छह दोषियों में से एक रविचंद्रन को मदुरै केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया था। गत 18 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने एजी पेरारीवलन को रिहा करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया था, जो हत्या के मामले में 7 दोषियों में से एक था। नलिनी और रविचंद्रन ने एजी पेरारीवलन जैसी रिहाई की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

7 दोषियों को सुनाई थी मौत की सजा

राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक सार्वजनिक रैली के दौरान लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) समूह की एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या कर दी गई थी। 7 दोषियों को हत्या में उनकी भूमिका के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। उनमें नलिनी श्रीहरन, आरपी रविचंद्रन, जयकुमार, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और एजी पेरारिवलन शामिल थे. साल 2000 में नलिनी श्रीहरन की सजा को घटाकर उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया था. बाद में वर्ष 2014 में, अन्य 6 दोषियों की सजा भी कम करके उम्रकैद में तब्दील कर दी गई।