इंदौर : भारत के शीर्ष हॉस्पिटैलिटी एसोसिएशन(Hospitality Association) ने वित्त मंत्रालय को आगामी केंद्रीय बजट 2023-24 के लिए हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री की कुछ बहुप्रतीक्षित अपेक्षाओं को रेखांकित करते हुए सिफारिशों की एक व्यापक सूची प्रस्तुत की है। इस सूची को बनाने के लिए हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री(hospitality industry) के कई लोगों से अपनी अपेक्षाएं बताने के लिए कहा, जिसमें शेरेटन ग्रैंड पैलेस इंदौर के जनरल मैनेजर रोहित बाजपेयी भी शामिल थे।
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रोहित बाजपेयी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा की, “पिछले तीन वर्षों में कोविड की भयावह स्थिति से निपटने के बाद अब 2023 में हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री अब वापस उबर रही है। एक स्थिर स्थिति को पुनः प्राप्त करने के लिए, हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री निम्नलिखित अपेक्षाओं के साथ सरकार से निरंतर सहायता की उम्मीद कर रही है।
· होटलों पर जीएसटी को मौजूदा 18% से घटाकर 12% कर दिया जाए, होटलों में स्थित रेस्टोरेंट पर जीएसटी में कमी करके पूरे इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ 12% कर दिया जाना चाहिए।
· अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को “मेड इन इंडिया” के सामान खरीदने पर जीएसटी भुगतान चालान प्रस्तुत करने पर जीएसटी रिफंड।
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· विदेशियों द्वारा होटलों में भारतीय रुपये में किए गए भुगतान को ईपीसीजी योजना के उद्देश्य से होटलों द्वारा अर्जित विदेशी मुद्रा माना जाना चाहिए।
· हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए अधिकतम अवधि के लिए ECLGS (इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम) ऋण अवधि बढ़ाएँ।
· हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को देश भर में एक इंडस्ट्री के रूप में वर्गीकृत/ विक्सित किया जाना चाहिए और समान लाभ प्रदान किया जाना चाहिए।“
मौजूदा महामारी के कारण लगे लॉकडाउन और प्रतिबंधों के कारण आतिथ्य उद्योग अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है। यह सेक्टर अपनी रिकवरी के लिए सरकार के समर्थन और अनुकूल नीतियों पर काफी हद तक निर्भर है। एसोसिएशन के मुताबिक 2007 के बाद सेवा क्षेत्रों के तहत होटलों के व्यापार परिदृश्य में भारी गिरावट देखी गई है।