इंदौर(Indore News): जिस सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) के महंगे भूखंड को खरीदने में पसीने आ जाते है वहीं भूखंड यदि इंदौर विकास प्राधिकरण सस्ते में बेचने और लूटाने पर तूल जाए तो इसे क्या कहा जाएगा। भले ही ऐसे मामले को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो लेकिन प्राधिकरण बोर्ड कुछ ऐसा ही करने जा रहा है। दरअसल प्राधिकरण द्वारा यह मेहरबानी की जा रही है भोपाल के ठकराल फाउंडेशन पर।
बताया गया है कि भोपाल के ठकराल फाउंडेशन को प्राधिकरण एक महंगा भूखंड सस्ते में देना चाहता है और इसको अमली जामा भी पहनाने की तैयारी कर ली गई है। जानकारी यह भी मिली है कि इसी फाउंडेशन को पहले से ही दो भूखंड आवंटित किए जा चुके है। बावजूद इसके एक ओर महंगा भूखंड इस फाउंडेशन को सस्ते में देने की तैयारी प्राधिकरण द्वारा की जा रही है।
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अधिकारियों ने जानकारी ही नहीं दी –
बताया गया है कि सुपर कॉरिडोर की योजना क्रमांक 139 स्थित भूखंड क्रमांक 33 के एक हिस्से में प्राचीन मंदिर है। यही कारण था कि भूखंड की खरीदी करने वाली इच्छुक फर्मों ने कम राशि में टेंडर भरे थे। जबकि प्राधिकरण के अधिकारियों ने टेंडर भरने वालों को मंदिर होने की जानकारी पहले दी ही नहीं। हालांकि अधिकारी यह कह रहे है कि पहले मंदिर हटाया जाएगा और फिर भूखंड का कब्जा दिया जाएगा।
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बताया गया है कि भूखंड पर मंदिर होने की जानकारी संबंधी तलाशी टेंडर भरने वाले फर्मों ने प्राधिकरण की संपदा शाखा से प्राप्त की थी और यह बताया गया था कि मंदिर को हटाना इतना आसान नहीं है जितना समझा जा रहा है। लिहाजा अधिकांश फर्मों ने कम राशि के ही टेंडर जमा किए। जानकारी तो यह भी मिली है कि जिस भूखंड को सस्ते में देने की बात हो रही है उसी के लिए ओरियंटल यूनिवर्सिटी ने भी करीब 24 करोड़ रूपए का टेंडर जमा किया है। उक्त संस्था ठकराल फाउंडेशन की सहयोगी है।