मानसून विदा होने के बाद भी इन जिलों में बरसात जारी, अगले तीन दिन हल्की बारिश के आसार, ठंडी हवाओं से गिरा रात का पारा

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By Pinal PatidarPublished On: October 15, 2025

मध्य प्रदेश में आधिकारिक रूप से मानसून को अलविदा कह दिया गया है, लेकिन प्रदेश के कुछ दक्षिणी इलाके अब भी उससे पूरी तरह मुक्त नहीं हो पाए हैं। मंगलवार को इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के कुछ जिलों में हल्की फुहारें देखने को मिलीं। मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन दिनों 15, 16 और 17 अक्टूबर के दौरान इन क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, राजधानी भोपाल सहित ग्वालियर और उज्जैन जैसे इलाकों में अब आसमान पूरी तरह साफ रहेगा और दिन के समय तेज धूप महसूस की जाएगी। इससे दिन का तापमान धीरे-धीरे बढ़ेगा, लेकिन रातें ठंडी होती जाएंगी।

उत्तर से आ रही ठंडी हवाओं ने बढ़ाई सर्दी की आहट


मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक के अनुसार, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हुई हालिया बर्फबारी के कारण उत्तरी दिशा से ठंडी हवाओं का रुख अब मध्य प्रदेश की ओर है। इन हवाओं ने राज्य के तापमान को नीचे गिरा दिया है। सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात को कई शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला गया, जो इस सीजन की अब तक की सबसे ठंडी रातों में से एक रही। इस बदलाव ने सर्दी की दस्तक का संकेत दे दिया है और सुबह-शाम के समय हल्की ठंड महसूस की जाने लगी है।

राज्य के प्रमुख शहरों में गिरा न्यूनतम तापमान

राज्य के अधिकतर हिस्सों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। राजधानी भोपाल में रात का पारा 16°C तक नीचे गया, जबकि इंदौर में यह 17.2°C रहा। ग्वालियर में न्यूनतम तापमान 18.2°C, उज्जैन में 18.8°C और जबलपुर में 19.6°C रिकॉर्ड किया गया। सबसे ठंडा तापमान राजगढ़ (14.4°C) में दर्ज हुआ, जो इस समय प्रदेश में सबसे निचले स्तरों में से एक है। खंडवा (15°C) और नौगांव (15.1°C) भी ठंडक का एहसास कर रहे हैं। यह साफ दर्शाता है कि मध्य प्रदेश धीरे-धीरे सर्द मौसम की ओर बढ़ रहा है।

गुना में सबसे ज्यादा, शाजापुर में सबसे कम बारिश दर्ज

मॉनसून सीजन का आंकड़ा देखें तो इस साल गुना जिला सबसे आगे रहा। यहां कुल 65.6 इंच वर्षा दर्ज की गई, जो पूरे प्रदेश में सर्वाधिक है। इसके बाद मंडला और रायसेन जैसे जिलों में भी 62 इंच से अधिक बारिश हुई। दूसरी ओर, शाजापुर इस बार सबसे पिछड़ा जिला साबित हुआ, जहां मात्र 28.9 इंच वर्षा रिकॉर्ड की गई जो सामान्य औसत से काफी कम है। इससे जिले के कई हिस्सों में जलस्तर प्रभावित हुआ और किसानों को सिंचाई की चुनौती झेलनी पड़ी।

कम बारिश वाले जिले अब भी सामान्य स्तर से नीचे

मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस सीजन में जिन जिलों में औसत से कम बारिश हुई, उनमें शाजापुर (28.9 इंच) के अलावा खरगोन (29.6 इंच), खंडवा (32 इंच), बड़वानी (33.5 इंच) और धार (33.6 इंच) शामिल हैं। इन जिलों में मानसून की शुरुआत कमजोर रही और सितंबर में भी वर्षा का स्तर बहुत अधिक नहीं बढ़ पाया। परिणामस्वरूप, इन क्षेत्रों के तालाब और बांध पूरी तरह नहीं भर पाए हैं, और जल प्रबंधन की स्थिति पर अब प्रशासन की निगाहें टिकी हैं।

ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग में मानसून ने दिखाया दम

इसके विपरीत, पूर्वी मध्य प्रदेश के इलाकों जैसे जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में इस बार मानसून पूरी तरह सक्रिय रहा। यहां लगातार हुई भारी बारिश से कई बार बाढ़ जैसी स्थिति बनी, जिससे नदी-नाले उफान पर रहे। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के सभी आठ जिलों ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में भी औसत से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई। हालांकि, इंदौर संभाग की शुरुआत कमजोर रही थी, परंतु सितंबर में हुई लगातार बारिश ने स्थिति को संतुलित कर दिया और इंदौर में सामान्य वर्षा का आंकड़ा पार हो गया। उज्जैन जिले में हालांकि अब भी औसत वर्षा से कमी दर्ज है, जिससे किसानों को अगली फसल की बुवाई में सावधानी रखनी पड़ सकती है।

अगले कुछ दिनों में मौसम का रुख

मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों तक राज्य के दक्षिणी जिलों में हल्की फुहारें देखने को मिल सकती हैं, लेकिन बाकी मध्य और उत्तरी हिस्सों में साफ आसमान और दिन में तेज धूप रहेगी। रात के समय तापमान में और गिरावट की संभावना है, जिससे मध्य प्रदेश में सर्दी की औपचारिक शुरुआत अक्टूबर के आखिरी सप्ताह तक हो सकती है।