Teacher Recruitment: दिवाली से पहले मिलेगी बड़ी सौगात, 3 हजार से ज्यादा शिक्षकों को मिलेगी जॉइनिंग

Meghraj
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Teacher Recruitment: जबलपुर हाईकोर्ट ने वर्ग 1 के शिक्षकों के लिए जॉइनिंग लेटर जारी करने का अंतरिम आदेश दिया है। चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने इस मामले की सुनवाई के दौरान DPI के पक्ष में राहत प्रदान की, लेकिन यह प्रक्रिया अंतिम आदेश के अधीन रहेगी। इसका मतलब है कि आगे का कोई निर्णय इस आदेश के आधार पर ही लिया जाएगा।

अगली सुनवाई और संभावित जॉइनिंग

मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी। DPI को उम्मीद है कि वह एक-दो दिन में 3198 शिक्षकों को जॉइनिंग लेटर जारी कर सकता है। सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं, और केवल औपचारिक आदेश का इंतजार है। यह शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनकी भर्ती प्रक्रिया को गति देगा।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला 2018 में हुई भर्ती परीक्षा से संबंधित है, जिसमें 848 ईडब्ल्यूएस पद शामिल थे। शुरुआत में इन पदों का उल्लेख नहीं किया गया था, लेकिन बाद में इन्हें जोड़ा गया। मामला कोर्ट में पहुंचा, जहां 23 फरवरी 2024 को न्यायालय ने निर्देश दिया कि पात्रता परीक्षा में 75 अंक लाने वालों की मेरिट बनाने की प्रक्रिया की जाए। इसी आदेश के तहत भर्ती पर रोक लगा दी गई थी।

हाईकोर्ट में याचिकाएं

इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में चार याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें DPI द्वारा दिए गए आदेश के खिलाफ अपील की गई थी। कोर्ट ने मौखिक निर्देश दिए कि सिंगल बेंच के आदेश पर यथास्थिति बनाए रखी जाए। हालांकि, शासन ने 2023 की भर्ती परीक्षा में पास हुए उम्मीदवारों के दस्तावेजों का सत्यापन कर लिया, लेकिन जॉइनिंग लेटर देने पर रोक लगा दी, जिससे जॉइनिंग प्रक्रिया बाधित हो गई।

DPI का तर्क

DPI ने कोर्ट में तर्क दिया कि 2018 की भर्ती के पदों के कारण 2023 की भर्ती को नहीं रोका जाना चाहिए, और उन्होंने जॉइनिंग लेटर जारी करने की मांग की।

याचिकाकर्ताओं का पक्ष

चयनित शिक्षकों ने 2023 की भर्ती पर लगी रोक को हटाने के लिए अदालत में याचिका दायर की। उन्होंने अपनी नियुक्ति को सुनिश्चित करने के लिए न्यायालय का सहारा लिया।

हाईकोर्ट का निर्णय

15 अक्टूबर को हुई सुनवाई में शासन की ओर से जॉइनिंग की मांग को सशर्त मंजूर किया गया। यह निर्णय याचिकाकर्ताओं के वकीलों द्वारा प्रस्तुत किए गए तर्कों के आधार पर आया। अब उम्मीद है कि जल्द ही स्कूलों को आवश्यक शिक्षकों की नियुक्ति मिल सकेगी, जिससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार संभव होगा।