हाई BP से छुटकारा चाहिए? तो भूल जाइए अंग्रेजी दवाएं और अपनाइए ये 4 आयुर्वेदिक ड्रिंक

Author Picture
By Kumari SakshiPublished On: July 12, 2025
high BP

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हाई ब्लड प्रेशर (High BP) एक आम समस्या बन गई है. यह बीमारी अब सिर्फ उम्रदराज लोगों तक सीमित नहीं रही, बल्कि युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है. हाई BP का मतलब है – दिल पर ज्यादा दबाव, और अगर समय पर कंट्रोल न किया जाए, तो यह दिल की बीमारी, किडनी फेलियर या स्ट्रोक का कारण बन सकता है.

लेकिन क्या इसका हल सिर्फ अंग्रेजी दवाएं हैं? आयुर्वेद कहता है – नहीं! यदि आप हाई BP को प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके से कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोजाना सुबह खाली पेट ये 4 आयुर्वेदिक ड्रिंक्स अपनाइए, जिनके चमत्कारी असर को अब आधुनिक विज्ञान भी स्वीकार कर रहा है.

 ये हैं हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने वाले 4 आयुर्वेदिक ड्रिंक्स

1. लौकी का जूस – लौकी में पोटैशियम और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो ब्लड प्रेशर को स्थिर रखने में मदद करते हैं. यह दिल की धड़कन को सामान्य बनाए रखता है और कोलेस्ट्रॉल भी घटाता है.

कैसे लें?- रोज सुबह खाली पेट 1 गिलास ताजा लौकी का जूस पीजिए, स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें पुदीना या तुलसी की पत्तियां मिला सकते हैं.

2. त्रिफला जल- त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला) शरीर को डिटॉक्स करता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है. यह लीवर को साफ कर BP को नेचुरल तरीके से कंट्रोल करता है.

कैसे लें? रात को 1 चम्मच त्रिफला पाउडर एक गिलास पानी में भिगो दें, सुबह उसे छानकर खाली पेट पी लें.

3. अश्वगंधा का काढ़ा- अश्वगंधा शरीर को तनाव से राहत देता है, और हाई BP का एक बड़ा कारण है तनाव और चिंता, यह हार्मोन को बैलेंस करता है और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है.

कैसे लें? 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण को 1 कप पानी में उबालें और छानकर गुनगुना सेवन करें, सुबह या रात को सोने से पहले पी सकते हैं.

4. लहसुन और नींबू वाला गर्म पानी- लहसुन में होता है एलिसिन, जो ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करता है. नींबू में मौजूद विटामिन C ब्लड को साफ करता है और BP को नेचुरली कंट्रोल करता है.

कैसे लें? 1 गिलास गर्म पानी में 1 कली कच्चा लहसुन कूटकर डालें और उसमें आधा नींबू निचोड़ें, सुबह खाली पेट सेवन करें.

क्या ध्यान रखें?
इन ड्रिंक्स को नियमित और संयमित मात्रा में लें, साथ में नमक कम करें. तनाव से दूर रहें, और व्यायाम या योग को भी दिनचर्या में शामिल करें. किसी भी चल रही दवा को अचानक बंद न करें, डॉक्टर की सलाह जरूर लें.