उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से अटक गया है। इसके पहले न्यायलय ने यूपी सरकार को जल्द से जल्द चुनाव करने के आदेश दिए थे। लेकिन बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, अब चुनाव ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट आने के बाद ही होगा। मिली जानकारी के अनुसार इस रिपोर्ट में करीब तीन महिने का समय लग सकता है।
गौरतलब है कि, 5 दिसंबर को यूपी सरकार ने नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी की थी। इस आरक्षण सूची के खिलाफ कई याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया था। उनका कहना था कि सरकार ने ओबीसी आरक्षण सूची जारी करने में ट्रिपल टेस्ट के फॉर्मूले का पालन नहीं किया था और न ही कोई ओबीसी कमीशन बनाया गया था।
हाई कोर्ट ने जनवरी तक चुनाव कराने का दिया था आदेश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए ओबीसी आरक्षण सूची को रद्द कर दिया था और सरकार से जनवरी में नगर निकाय चुनाव कराने का फरमान जारी किया था। साथ ही हाई कोर्ट ने कहा था कि सरकार को ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए एक डेडिकेटेड आयोग का गठन करना चाहिए था, जिससे ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले का पालन हो सके।
सुप्रीम कोर्ट से सरकार को बड़ी राहत
इसके साथ ही यूपी सरकार ने ओबीसी आरक्षण के ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले के पालन के लिए ओबीसी कमीशन का गठन कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में आज यूपी सरकार ने बताया कि ओबीसी आयोग को ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट देने में तीन महीने का वक्त लगेगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 3 महीने का समय ज्यादा है।
तीन महीने में आयोग देगी अपनी रिपोर्ट
नगर निकाय चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने कहा कि राज्य में डीलिमिटेशन की प्रकिया 3 महीने में पूरी कर लेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा तीन महीने का समय बहुत लंबा है, क्या इसको और पहले नहीं पूरा किया जा सकता है? यूपी सरकार ने कहा कि कमीशन के अध्यक्ष नियुक्त किए गए जज साहब से पूछकर बताना होगा कि कितना समय लगेगा।
3 महीने के बाद ही हो पाएगा नगर निकाय चुनाव
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी तक चुनाव कराने की हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। इस रोक से साफ हो गया कि अब ओबीसी आयोग की रिपोर्ट के बाद ही यूपी में नगर निकाय चुनाव हो पाएंगे, जिसमें करीब तीन महीने का वक्त लगेगा। यानी यूपी में अब 31 मार्च से पहले नगर निकाय चुनाव होना संभव नहीं है।
प्रशासक की नियुक्ति को भी हरी झंडी
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासक नियुक्ति के फैसले को भी पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि जिन नगर निकाय का कार्यकाल खत्म हो रहा है, वहां पर प्रशासक की नियुक्ति की जा सकती है, लेकिन उन्हें अहम फैसले लेने का अधिकार नहीं होगा। यानी हाई कोर्ट से जिन दो मामलों में यूपी सरकार को झटका लगा था, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
तीन हफ्ते बाद फिर होगी सुनवाई
फिलहाल यह रोक तीन हफ्ते तक की है, तब तक सरकार को बताना होगा कि ओबीसी आयोग की रिपोर्ट कितनी जल्दी आ सकती है। इसके बाद ही साफ हो पाएगा कि यूपी में नगर निकाय चुनाव कब होगा, लेकिन ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर घिरी यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। अब चुनाव ओबीसी आरक्षण के बाद ही होगा।