ताई के घर जाएं, किताबें ले, पढ़ें, और फिर वापस कर दें

Piru lal kumbhkaar
Published on:
Sumitra Mahajan

“ज्ञान तो बाँटने से ही बढ़ता हैं” इसी कथन को दोहराते हुए पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन(Former Lok Sabha Speaker Sumitra Mahajan) जिन्हें सब प्यार से ‘ताई’ कहते हैं ने एक अनूठी पहल शुरू की हैं। आपको बता दे ताई ने किताब प्रेमियों के लिए अपने घर में ही लाइब्रेरी बना दी हैं, जहां आपको न केवल किताबे मिलेंगी, बल्कि आप उन्हें घर भी लाकर पढ़ सकते हैं और वो भी मुफ्त में।

इस संदर्भ में खुद सुमित्रा महाजन ने एक पत्र जारी कर सर्व साधारण को सूचित किया हैं। जारी पत्र में उन्होंने लिखा- “आप जानते ही हैं, बचपन से मुझे किताबें पढ़ने में बहुत रुचि रही। बाद में मैं प्रवचन देती थी। उस बहाने फिर किताब खरीदना-पढ़ना जारी रहा और मेरी रुचि देखकर मेरे मित्र, रिश्तेदार भी अभी तक मुझे भेंट के रूप में किताबें ही भेंट देते हैं।

must read: जब महाप्राण निराला ने हिन्दू राष्ट्रवादी शक्ति को संगठित होने का आह्वान किया..

गत चालीस साल से मेरे किताबों का संग्रह इतना बड़ा और विविध हो गया, मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी तथा धार्मिक, साहित्यिक, राजनीतिक एक प्रकार से छोटी लायब्रेरी ही बन गई समझो।

 

Sumitra Mahajan
Sumitra Mahajan

इसलिए मैंने सोचा क्यूं न मेरी यह लायब्रेरी सबके लिए खुली करूं, ज्ञान तो बांटने से बढ़ता ही है ना? तो 4 फरवरी से मेरे घर यानी 68 मनीषपुरी, इंदौर पर निशुल्क लायब्रेरी प्रारंभ कर रही हूँ। समय साधारण शाम 4 से 6 बजे तक। आपकी अगर पढ़ने में रुचि हो तो कृपया लाभ उठाएं और अपनी रूचि की किताब रजिस्टर में नोट करके पढ़ने ले जाएं और पढ़कर वापस करें।”