ऐसा हैं योगी का गोरखपुर : जिन्दा व्यक्ति का ही बना दिया मृत्यु प्रमाण पत्र

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पंकज त्रिपाठी वाली फिल्म ‘कागज'(KAGAZ) तो देखी ही होगी, और अगर नहीं भी देखी तो ये खबर पढ़ लीजिये क्योकि उस फिल्म की यहीं कहानी हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में नगर निगम ने लापरवाही की भी हद कर दी। यहां पर नगर निगम ने एक जीवित व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। और जब इसकी जानकारी उस व्यक्ति तक पहुंचीं तो वो फौरन नगर आयुक्त से मिलने चला गया और उन्हें बताया कि वो ज़िंदा हैं और उनके सामने खड़ा हैं हालांकि यह मामला संज्ञान में आते ही आनन-फानन में नगर आयुक्त ने 5 सदस्यीय टीम का गठन किया है। अब ये टीम इस मामले में जांचकर नगर आयुक्त को रिपोर्ट सौंपेगी।

आपको बता दे कि गोरखपुर के राप्तीनगर फेज चार रेल विहार निवासी राकेश पांडेय को नगर निगम के रिकार्ड में मृत दिखाया गया है। यही नहीं राकेश पांडेय का डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया है।कहा जा रहा है कि राकेश के डेथ सर्टिफिकेट के लिए उनके सगे बड़े भाई राजेश मोहन पांडेय ने ही आवेदन किया था। जबकि उन्होंने इस बात से इन्कार किया है। अब इस पूरे मामले की जांच की होगी।

दिल्ली में नौकरी करने वाले राकेश ने बताया कि वह जिंदा हैं फिर भी नगर निगम ने उनका डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। राकेश की इस समय उम्र 49 साल है, लेकिन सर्टिफिकेट में उन्हें अविवाहित दर्शाते हुए उम्र 35 साल दिखाया गया है।

और इधर, नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि प्रकरण गंभीर है। जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। सुपरवाइजर की रिपोर्ट पर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। जिसकी भी गलती मिलेगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।