देश में बीते वर्ष पेट्रोल (Petrol) और रसोई गैस की कीमतों में रिकार्ड तोड़ बढ़ौतरी हुई थी। देश की प्रमुख आयल कंपनियां कच्चे तेल की कीमतों में बीते वर्ष हुई बेतहाशा वृध्दि की वजह से घाटे में चल रही हैं। देश की तीन बड़ी ऑइल कंपनियां हैं, जो देश में अधिकतम पेट्रोलियम संसाधनों की आपूर्ति करती हैं, बीते वर्ष की मूल्य वृद्धि ने इन तीनों कंपनियों की नींव हिला दी थी, जिससे इन कम्पनियो के शेयर्स की कीमतों में काफी गिरावट दर्ज की गई थी ।
ये है भारत की तीन प्रमुख ऑइल कंपनियां
इंडियन ऑयल (Indian oil), एचपीसीएल (HPCL) और बीपीसीएल (BPCL) ये तीनों ऑइल कंपनियां हमारे देश में अधिकतम पेट्रोलियम संसाधनों की आपूर्ति करती हैं। भारत सरकार इन प्रमुख ऑइल कंपनियों को बीते वर्ष की तेल मूल्य वृद्धि से हुए घाटे से उबारने के लिए इन सरकारी तेल कंपनियों को करीब 20,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने की योजना बना रही है।
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पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतों को नियंत्रित रखना है उद्देश्य
जानकारी के अनुसार भारत सरकार पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए इन तीनों प्रमुख ऑइल कंपनियों को आर्थिक मजबूती प्रदान कर रही है। गौरतलब है कि ये तीन बड़ी ऑइल कंपनियां ही हैं, जो देश में अधिकतम पेट्रोलियम संसाधनों की आपूर्ति करती हैं।
कंपनियों के शेयर्स में आया उछाल
भारत सरकार के द्वारा आयल कंपनियों को आर्थिक सहारा देने की सुचना मिलने के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर सोमवार को इंडियन ऑयल का शेयर 0.35 प्रतिशत की बढ़ौतरी के साथ 72.65 पर बंद हुआ। इसी तरह एचपीसीएल का शेयर 1.75 प्रतिशत की बढ़ौतरी के साथ 250.05 रुपये पर बंद हुआ। इसके अलावा बीपीसीएल 1.24 प्रतिशत की बढ़ौतरी के साथ 342.80 रुपये पर बंद हुआ।