प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा(State Congress President’s media coordinator Narendra Saluja) ने प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग द्वारा अपने परिजनो की स्मृति में अपनी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में मेडिकल कॉलेज एवं अन्य मेडिकल कालेजों के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की उसमें तैनाती को नियम विरुद्ध व अपने पद का दुरुपयोग बताया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री के परिवारिक फाउंडेशन द्वारा आयोजित स्वास्थ्य शिविर में सरकारी डॉक्टरों की तैनाती के आदेश नियम विरुद्ध है।यह आयोजन मंत्री का निजी व चुनावी जमावट के लिये है , उसमें सरकारी डॉक्टरों की तैनाती किस नियम से की गई है ?
सलूजा ने बताया कि मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र में आगामी चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए अपने परिजनो की स्मृति में उनके नाम पर बनाए गए फाउंडेशन द्वारा एक निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन आगामी 3 से 5 दिसंबर तक किया जा रहा है, इस आयोजन से किसी को कोई आपत्ति नहीं है, न ही इसका कोई विरोध है , बस आपत्ति इस बात की है कि इस निजी आयोजन के प्रचार-प्रसार के बोर्ड में भाजपा के झंडे लगाये गये है लेकिन सरकारी डॉक्टरों की तैनाती के आदेश किस नियम से निकाले गए है ? शासकीय मेडिकल कालेज के रूटीन चेकअप और ओपीडी को बंद कर तीन दिन डॉक्टर्स मंत्री जी के इस निजी शिविर में अपनी सेवाएँ देंगे।
सलूजा ने कहा कि भोपाल के अन्य मेडिकल कॉलेजों से भी सुपर स्पेशलिटी के डॉक्टरों को भी इस शिविर के लिए बुलाया गया है, उसके लिए विधिवत आदेश निकाला गया है। डॉक्टरों की अलग-अलग ड्यूटी लगाई गई है, डॉक्टर अपनी एमबीबीएस और पीजी की क्लास व ओपीडी छोड़ मंत्री के इस चुनावी जमावट वाले स्वास्थ शिविर में अपनी सेवाएं देंगे और इस दौरान गरीब और गंभीर मरीज परेशान होंगे, क्योंकि तीन दिन डॉक्टर अस्पतालों में नहीं मिल पाएंगे ,मेडिकल कॉलेजो का काम तीन दिन ठप्प रहेगा। डॉक्टरों के साथ-साथ स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, फार्मासिस्ट और अन्य विभागों के स्पेशलिस्ट को भी इस शिविर में रहने का फरमान जारी किया गया है।मंत्री जी का यह स्वास्थ शिविर सिर्फ अपनी चुनावी जमावट के लिए है क्योंकि यह आयोजन सिर्फ उनकी विधानसभा क्षेत्र के लिये ही हो रहा है। मंत्री को यदि आम जनता की चिंता होती तो भोपाल के अन्य क्षेत्रों में इस स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करते ?
सलूजा ने कहा कि मंत्री जी इस आयोजन को लेकर जितनी जागरूकता दिखा रहे हैं, शायद उतनी जागरूकता भोपाल के हमीदिया अस्पताल स्थित कमला नेहरू अस्पताल में दिखाते तो शायद कई मासूमों की जान जाने से बच जाती, जहां वह सिर्फ दिखावटी दौरे पर जाते हैं ,जहां 6 माह में तीसरी आगजनी की घटना हुई और सरकार की लापरवाही के कारण 17 से अधिक मासूमों को अपनी जान गवाना पड़ी।
जिस घटना के बाद मंत्री जी को नैतिकता के नाते अपना इस्तीफा देना था, इस्तीफा देना तो दूर अब अपनी चुनावी जमावट में लग गए हैं और जिन डॉक्टरों को मेडिकल अस्पतालों में तैनात होना चाहिये ,उन्हें अपने पद का दुरुपयोग कर ,अपने निजी फाउंडेशन के आयोजन में उपस्थित रहने के सरकारी आदेश निकाल रहे हैं, जो कि नियम विरुद्ध है।
सलूजा ने कहा कि मंत्री जी यह बताएं कि इन तीन दिनों में इन अस्पतालों में मरीजों का इलाज कैसे होगा, मरीजों को कौन देखेगा, क्या वे भगवान भरोसे रहेंगे क्योंकि सरकारी डॉक्टरों की ड्यूटी तो मंत्री जी के निजी स्वास्थ्य शिविर में लगा दी गई है, इस दौरान यदि कोई अप्रिय स्थिति बनती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ?