IPL 2025; Umpires Start Checking The Size Of The Bat – Why Did BCCI Implement This Rule? Know Here : IPL 2025 का रोमांच अपने चरम पर है, लेकिन इस बार मैदान पर एक नया नजारा देखने को मिल रहा है। अंपायर अब बीच मैच में बल्लेबाजों के बल्लों की जांच करने लगे हैं, जो पहले सिर्फ ड्रेसिंग रूम तक सीमित थी। आखिर क्या वजह है कि IPL 2025 में अचानक ये बदलाव आया? आइए, इसकी असल कहानी समझते हैं।
IPL 2025 में बल्लों की जांच का नया नियम
IPL 2025 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने निष्पक्षता को और मजबूत करने के लिए एक नया कदम उठाया है। पहले बल्लों की जांच पारी शुरू होने से पहले ड्रेसिंग रूम में होती थी, लेकिन अब अंपायरों को मैच के दौरान मैदान पर ही बल्लों की जांच करने का अधिकार दे दिया गया है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बल्लेबाज नियमों से बाहर जाकर अनुचित लाभ न ले सके। इस सीजन में छक्कों की बरसात ने बीसीसीआई को और सतर्क कर दिया, क्योंकि बल्ले की थोड़ी-सी अतिरिक्त मोटाई भी गेंद को स्टेडियम के पार पहुंचा सकती है।

IPL के नियम क्या कहते हैं?
IPL 2025 में बल्लों के आकार को लेकर नियम बहुत सख्त हैं। क्रिकेट के नियमों के मुताबिक, बल्ले की चौड़ाई 4.25 इंच, मध्य भाग की मोटाई 2.64 इंच, और किनारे की चौड़ाई 1.56 इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अंपायर एक खास उपकरण, जिसे ‘बैट गेज’ कहते हैं, का इस्तेमाल करते हैं। अगर बल्ला इस गेज से आसानी से गुजर जाए, तो वो नियमों के मुताबिक माना जाता है। इस सीजन में हार्दिक पांड्या, शिमरॉन हेटमायर, और फिल सॉल्ट जैसे खिलाड़ियों के बल्लों की जांच हो चुकी है, और सभी नियमों के अनुरूप पाए गए।
IPL 2025 में जांच की जरूरत क्यों पड़ी?
IPL 2025 में टी20 क्रिकेट का स्तर आसमान छू रहा है। टीमें 200 से ज्यादा रनों के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर रही हैं, और छक्कों की संख्या पहले से कहीं ज्यादा है। इस सीजन में अब तक 500 से ज्यादा छक्के लग चुके हैं, जिसमें निकोलस पूरन जैसे बल्लेबाज अकेले 30 से ज्यादा छक्के जड़ चुके हैं। ऐसे में सवाल उठा कि क्या बल्लेबाज बड़े आकार के बल्लों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो गेंद को ज्यादा दूर तक ले जा रहे हैं? बीसीसीआई ने इस शक को दूर करने के लिए मैदानी जांच शुरू की, ताकि खेल की पारदर्शिता बनी रहे।
IPL 2025 में क्या होगा इसका असर?
IPL 2025 में बल्लों की जांच का ये नया नियम खेल को और निष्पक्ष बनाने में मदद करेगा। बल्लेबाजों को अब ज्यादा सावधान रहना होगा, क्योंकि कोई भी गड़बड़ी पकड़ी जा सकती है। वहीं, गेंदबाजों को भी थोड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि नियमों से बाहर के बल्ले हावी नहीं हो पाएंगे। लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि बार-बार जांच से खेल की रफ्तार धीमी हो सकती है। फिर भी, बीसीसीआई का ये कदम खेल की साख को और मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। क्या ये नियम लंबे समय तक चलेगा, या सिर्फ इस सीजन की जरूरत है? ये तो वक्त ही बताएगा!