Som Pradosh Vrat : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का विशेष महत्व होता है। Pradosh Vrat का पालन करने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दौरान साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं।
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पुरे विधि- विधान से पूजा करते है और यह व्रत बहुत ही सर्वोत्तम माना गया है। इस बार शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 14 फरवरी को है। आपको बता दे, इस बार Pradosh Vrat पर विशेष बात यह है कि प्रदोष व्रत के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में सिद्धि योग, रवि योग और आयुष्मान योग बन रहे हैं।
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प्रदोष व्रत के दिन बने योग का समय –
- सिद्धि योग त्रयोदशी तिथि को 11.53 मिनट से शुरू होकर 15 फरवरी को सुबह 7 बजे तक रहेगा।
- 14 फरवरी को सुबह 11.53 बजे रवि योग शुरू होगा और 15 फरवरी को सुबह 7:00 बजे समाप्त होगा।
- रात 9.29 बजे तक आयुष्मान योग समाप्त हो जाएगा।
पूजा विधि –
ज्योतिषों के मुताबिक, प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसे में सबसे पहले स्नान करने के बाद लाल या फिर गुलाबी कलर के कपड़े धारण करना चाहिए। साथ ही भगवान शिव को तांबे या चांदी के कमल में बेलपत्र, भांग, लाल चंदन, शहद/गन्ने का रस और शुद्ध जल अर्पित करना है। वहीं ओम सर्वसिद्धि प्रदाय नमः इस मंत्र का एक बार जाप जरूर करना चाहिए।
महामृत्युंजय मंत्र –
ओम त्रयंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥