नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सालाना जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि और ऑडिट रिपोर्ट (पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वालों के लिए) जमा करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी गई है। साथ ही ऐसे करदाता जिनके रिटर्न में ऑडिट रिपोर्ट लगानी पड़ती है, वे 31 जनवरी 2021 तक रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। इसके अलावा छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है।
जी हाँ, आपको बता दे कि जीएसटी रिटर्न की देखरेख करने वाली कंपनी GSTN ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि, ऐसे छोटे व्यापारी या स्मॉल बिजनेस हाउस जिनपर कोई जीएसटी बकाया या टैक्स की देनदारी नहीं है, वे अब टेक्स्ट मैसेज के जरिये भी अपना जीएसटी रिटर्न (GST return) फाइल कर सकेंगे। जानकारी के मुताबिक कंपोजीशन स्कीम के तहत कुल 17.11 लाख टैक्सपेयर्स रजिस्टर्ड हैं, इनमें से 20 परसेंट यानी 3.5 लाख टैक्सपेयर्स NIL रिटर्न वाले हैं।
जानिए कौन होते हैं कंपोजीशन टैक्सपेयर्स
1- ऐसे टैक्सपेयर्स जिनका सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये या इससे कम होता है।
2- ऐसे टैक्सपेयर्स को 1 परसेंट, 5 परसेंट और 6 परसेंट की दर पर GST जमा करना होता है।
3- मैन्यूफैक्चरर्स के लिए GST रेट 1 परसेंट, रेस्टोरेंट्स के लिए GST रेट 5 परसेंट और दूसरे सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए GST रेट 6 परसेंट होता है।
4- इन टैक्सपेयर्स को केवल तिमाही आधार पर ही टैक्स रिटर्न दाखिल करना होता है।
5- ऐसे टैक्सपेयर्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं मिलता है।
6- ऐसे टैक्सपेयर्स टैक्स इनवॉयस भी जारी नहीं कर सकते।