कोविशील्ड का साईड इफेक्ट-“ब्लड क्लॉटिंग”- स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

Shivani Rathore
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आनन्‍द पुरोहित

इंदौर : भारत में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत से लेकर अब तक 23000 से ज्यादा एडवर्स इवेंट के मामले रिपोर्ट हुए हैं। ये मामले देश के 684 जिलों से हैं। जिनमें से 700 मामले सीरियस और सीवियर हैं। 498 सीरियस और सीवियर मामलों की जांच जब AEFI कमेटी ने की तो उसमें 26 मामले ब्लड क्लॉटिंग के मिले। ये मामले 0.61% केस प्रति मिलियन हैं।

सभी मामले कोविशील्ड के
ब्लड क्लॉटिंग के सभी मामले कोविशील्ड देने के बाद के हैं। कोवैक्सीन को लेकर AEFI कमेटी को एक भी ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत नहीं मिली है। यूके में 4 केस प्रति मिलियन और जर्मनी में 10 केस प्रति मिलियन ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत आई है। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हेल्थ केयर वर्कर और खासकर कोविशील्ड लेने वाले लोगों को एडवाइजरी जारी की है कि टीका लेने के 20 दिन तक AEFI की शिकायत आ सकती है और अगर शिकायत आए तो जहां टीका लिया है वहां सम्पर्क करें। ब्लड क्लॉटिंग के अलावा कई दूसरी समस्या हो सकती है, जिसमें सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, पेट में दर्द, कमजोरी, देखने में दिक्कत शामिल हैं। खास बात यह है कि AEFI का कोवैक्सीन (Covaxin) का एक भी मामला ब्लड क्लॉटिंग का नहीं मिला है।

अन्य देशों की अपेक्षा काफी कम हैं मामले
भारत में AEFI के आंकड़ों से पता चला है कि भारत में ब्लड क्लॉटिंग के मामले 0.61% केस प्रति मिलियन हैं जो यूके में 4 मामले/मिलियन से बहुत कम है। जर्मनी में प्रति मिलियन खुराक पर 10 मामले दर्ज किए गए हैं। बता दें, भारत में 27 अप्रैल 2021 तक कोविशील्ड वैक्सीन की 13.4 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। MoHFW सभी COVID-19 टीकों की सुरक्षा की लगातार निगरानी कर रहा है और संदिग्ध प्रतिकूल घटनाओं को लगातार दर्ज किया जा रहा है।