इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर की बावड़ी पर 14 लोगो की अभी तक मौत की खबर सामने आयी है। ऐसे में कई सवाल उठाये जा रहे है जैसे कि जब रहवासियों ने इतनी बार शिकायत की तो प्रशासन ने ध्यान क्यों नहीं दिया, प्रशासन को क्या पता नहीं था की इस बॉडी के नीचे पानी है। एक निजी अख़बार से बातचीत में वह के रहवासियों ने बताया की यह बात थोड़े टाइम पुराणी नहीं बल्कि 1980 से चल रहा है। दरअसल बावड़ी पर स्लैब डालने को लेकर कई बार विरोध किया जा चुका हैं। कई बार मंदिर के निर्माण से सम्बंधित शिकायते की जा चुकी है। रहवासियों ने कहा की इस मंदिर का निर्माण यहाँ के संसद के संरक्षण में ही हुआ।
कॉलोनी के रहवासियों ने आये दिन अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतें की थी। यहाँ पर दिन पे दिन अतिक्रमण बढ़ता हे जा रहा था। जबकि नगर निगम ने मंदिर को अतिक्रमण हटाने को लेकर एक पत्र भेजा था। इस पत्र में नगर निगम के कमिश्नर ने उस जगह के कुछ बगीचे के अतिक्रमण को हटवाया था। वही, जब इस बागीचे के बारी आते ही उन्होने नोटिस थमा दिया था।
मुख्यमंत्री से मांग में कॉलोनी निवासियों ने इस जगह के जेडओ और आयुक्त का सस्पेंशन मांगा है। रहवासियों ने कहा की जब 7 दिन का नोटिस जारी हुआ था तो तोड़ फोड़ क्यों नहीं की गयी। वही बगीचे की दीवार का पूरा निर्माण भी क्यों नहीं किया गया। वही लोगो ने बताया कि इस बगीचे का का निर्माण अमृता योजना से किया गया था।
इस बावड़ी हादसे के बाद लोगो का गुस्सा फूट फूट कर बहार आ रहा है। लोगो का कहना है की अगर कोई आम इंसान एक-आद इंच की जमीं पर भी कब्ज़ा कर लेता है तो तुरंत उसको बुलडोज़र से चकनाचूर कर दिया जाता है। प्रशासन ने 20 करोड़ की जमीन पर कब्ज़ा कैसे करने दिया। यह बावड़ी 80 साल से ज्यादा पुरानी है। इसको कंक्रीट से कवर करने के बजाय टाइल्स डालकर ढक दिया गया था। जिसके कारण यह हादसा हुआ है। इस बावड़ी का इतिहास नगर निगम में दर्ज है।
यह शिकायत पटेल- स्नेह नगर इंदौर के रहवासियों द्वारा अवैध निर्माण की पूर्व में कई गई थी।
भाजपा के पूर्व पार्षद सेवाराम गलानि द्वारा यहाँ अवैध कब्जा कर निर्माण किया गया था। बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट नामक संस्था का मुखिया बन सरकारी गार्डन में अवैध कब्जा किया गया था। जानकारी मिली है कि धंसने वाली पुरानी बावड़ी को भी स्लैब डाल कर बंद कर गयी थी।इस प्रांगण में नशेड़ियों का भी जमावड़ा रहता है। दो बार स्थानीय रहवासियों द्वारा शिकायत की गई थी लेकिन भाजपा के बड़े नेताओं के दबाव में कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस उदासीनता और लापरवाही के चलते आज इतनी बड़ी दुर्घटना हो गई है।