इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने 6 अक्टूबर से माल की बुकिंग पूरी तरह बंद करने का फैसला किया है। शहर के नो एंट्री ज़ोन में संचालित लगभग 500 ट्रांसपोर्ट कार्यालय और गोदामों से न तो बुकिंग होगी और न ही डिलीवरी। इस निर्णय का असर सीधे बाजारों में वस्तुओं की उपलब्धता पर पड़ सकता है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि प्रशासन की नो एंट्री नीति के कारण उनका रोज़मर्रा का कारोबार लगातार प्रभावित हो रहा है।
एसोसिएशन का बयान और नो एंट्री की सख्ती
एसोसिएशन ऑफ पार्सल ट्रांसपोर्ट एंड फ्रीट ओनर्स ने सोमवार से अपने कार्यालय और गोदामों में माल की बुकिंग रोकने का एलान किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने बताया कि प्रशासन द्वारा शहर में नो एंट्री नियम लागू करने से उनका व्यापार काफी प्रभावित हुआ है। पहले ट्रकों को दोपहर 12 बजे से 5 बजे तक और रात 9 बजे से सुबह 9 बजे तक प्रवेश मिलता था, लेकिन अब केवल दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक ही छूट दी जा रही है। कम समय और सख्ती के चलते बुकिंग और सप्लाई में गंभीर दिक्कतें आ रही हैं।
बाजारों में सप्लाई प्रभावित होने की संभावना
इंदौर से रोजाना करीब 1500 ट्रक माल लोडिंग के लिए निकलते हैं। यह माल न केवल प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाता है बल्कि पड़ोसी राज्यों के कई शहरों तक भी सप्लाई किया जाता है। वहीँ, अन्य शहरों से आने वाले ट्रक भी इंदौर तक माल पहुंचाते हैं। इंदौर में बाजारों में माल की सप्लाई और व्यापारी का व्यापार इस ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पर निर्भर करता है। बुकिंग बंद होने से न सिर्फ वस्तुओं की उपलब्धता प्रभावित होगी, बल्कि उनके बाजार मूल्य और बिक्री पर भी असर पड़ेगा।
व्यापारियों और आम लोगों के लिए मुश्किलें
बाजार में सप्लाई बाधित होने से आम लोगों को भी इसका असर महसूस होगा। बाहर से आने वाले व्यापारी भी इंदौर से माल खरीदते हैं और इसे अपने शहरों तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट पर निर्भर होते हैं। ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण इस पूरे चक्र में रुकावट आएगी। नतीजतन, न केवल व्यापारियों की आय प्रभावित होगी बल्कि उपभोक्ताओं को भी समय पर वस्तुएं उपलब्ध नहीं हो पाएंगी।