आंकड़ों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वैश्विक शेयर बाजार (Share Market) में मंदी (Recession) के आसार नजर आ रहे हैं। दुनिया के लगभग सभी छोटे-बड़े देश इस मंदी के असर से प्रभावित हैं। भारत भी इस अंतर्राष्ट्रीय मंदी के प्रभाव से बचता नजर नहीं आ रहा है। जहां एक ओर भारतीय मुद्रा में लगातार डॉलर के मुकाबले गिरावट जारी है, वहीं भारतीय शेयर बाजार में भी पिछले चार दिनों से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
सरकार का दावा मजबूत है स्थिति
भारत सरकार की ओर से दावा किया गया था कि देश की आर्थिक स्थिति वर्तमान में काफी मजबूत है और किसी प्रकार की मंदी देश में नहीं है, जबकि शेयर बाजार के जानकार और अर्थशास्त्री सरकार के इस दावे का समर्थन करते नजर नहीं आ रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी भारतीय मुद्रा के अन्य देशों की मुद्राओं की तुलना में अधिक मजबूती का दावा कर रही हैं, जबकि डॉलर की तुलना में रुपया लगातार गिरता जा रहा है।
बेरोजगारी में वृध्दि
इस वैश्विक आर्थिक मंदी का सीधा प्रभाव दुनियाभर के रोजगारों पर पड़ता दिखाई दे रहा है। भारत सहित दुनिया के सभी छोटे और बड़े देशों में आर्थिक मंदी की वजह से लाखों करोड़ो लोगों की नौकरियां चली गई हैं। इसके साथ ही नए रोजगारों की संभावना भी बहुत ही कम निर्मित हो रही है। बेरोजगारी की बढ़ती समस्या से आने वाले समय में इस आर्थिक मंदी में और भी अधिक गिरावट के संकेत बन रहे हैं, जोकि एक चिंताजनक विषय है।