राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र – कर्नाटक सीमा विवाद पर बयान देते हुए कहा की कोई भी हमारे धैर्य की परीक्षा ना ले। पवार के इस बयान के बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक के सीमा के आस पास कुछ इलाकों में हिंसा होने लगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को शरद पवार ने कुसूरवार ठहराया है और कहा है की उनके दिए हुए बयानों के वजह से ही सीमे के आस पास के कुछ गावों में डर का माहौल बना हुआ है।
शरद पवार ने सीमावर्ती गावों के वाहनों पर हमला होने का ज़िक्र करते हुए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री को दोषी ठहराया है और जल्द ही इस मामले का समाधान निकालने को कहा है। सूत्रों से ये भी पता चला है की कन्नड़ रक्षण वेदिके के कुछ कार्यकर्ताओं ने बेलगाम के टोल नाके पर कुछ वाहनों पर पथराव भी किया है। इस पर पलटवार करते हुए शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने वाहनों पर काला और भगवा रंग लगा दिया।
क्या था बसवराज बोम्मई का बयान
बढ़ते सीमा विवाद पर बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को कहा की दोनों राज्य के लोगों के बीच रिश्ते नहीं बिगड़ने चाहिए। बसवराज बोम्मई ने कन्नड़ भाषियों के हितों की रक्षा के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
बसवराज बोम्मई ने लोगों को अस्वाशन देते हुए ये भी कहा की बढ़ते सीमा विवाद के इस कानूनी लड़ाई में जीत कर्नाटक की ही होगी। बसवराज बोम्मई ने महारष्ट्र के नेताओं के बयान में कर्णाटक की सरकार को आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीमा मुद्दे को उठाने का आरोप लगाया है। बोम्मई की लोगों का रुख संवैधानिक है और मामला उच्चतम न्यायलय में है।
क्या था शरद पावा का बयान
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और कर्णाटक के सीएम के बीच वार्तालाप हुई इस पर शरद पवार ने कहा की बातचीत होने के बावजूद भी बसवराज बोम्मई ने कोई नरमी नहीं दिखाई तो ऐसे में अच्छा यही होगा की कोई हमारे धैर्य की परीक्षा ना ले।
शरद पवार ने आगे यह भी कहा की शिंदे को आगे कोई भी फैसला लेने से पहले बाकी अन्य पार्टियों से भी विचार विमर्श करना चाहिए और पवार खुद भी सांसदों के साथ इस मामले में स्टैंड लेंगे क्यों की संसद सत्र शुरू होने वाला है।