Shani ki Sade Sati : जानिए कब समाप्त हो रही है धनु राशि की साढ़े साती, इस तारीख के बाद सूरज जैसी चमकेगी किस्मत

Share on:

भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनु राशि पर चल रही साढ़े साती अब अपने अंतिम दौर में चल रही है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार, जातक की जन्म राशि से प्रथम, द्वितीय और द्वादश स्थान में शनिदेव हों तो शनि की साढ़ेसाती कहलाती है। इस साढ़े साती का प्रभाव सात साल और छः महीने तक रहता है इसी लिए इसे साढ़े साती कहा जाता है। वर्तमान में धनु, मकर व कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है।

Also Read-राजीव गांधी की हत्या के मामले में जेल में बंद सभी 6 दोषियों को मिली रिहाई, Supreme Court ने दिए आदेश

17 जनवरी 2023 को धनु राशि से समाप्त होगी साढ़े साती

धनु राशि पर चल रही साढ़े साती के दौरान 29 अप्रैल 2022 को शनिदेव ने मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर लिया था, जिससे धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से अस्थाई रूप में छुटकारा मिल गया था । 12 जुलाई 2022 को शनिदेव वक्री अवस्था में आकर एक बार फिर से मकर राशि में प्रवेश कर गए थे। जिसके कारण धनु राशि पर एक बार फिर से साढ़ेसाती का साया शुरू हो गया था । अब शनिदेव 17 जनवरी 2023 को फिर से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, जिसके बाद धनु राशि से शनिदेव की साढ़ेसाती का प्रभाव 17 जनवरी 2023 को पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।

Also Read-Small Business Ideas : करें लाखों का टर्न ओवर सिर्फ 1 लाख की पूंजी से, अमेजॉन-फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर लिस्टिंग नहीं है जरूरी

सूरज जैसी चमकेगी किस्मत

भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साढ़े साती के प्रभाव के दौरान जातक के जीवन में काफी सारी समस्याओं और कठिनायों के चलते जीवन बुरी तरह से दुष्प्रभावित होता देखा गया है। इस दौरान स्वास्थय, परिवार, आर्थिक और सामाजिक सभी स्तरों पर हानि उठाना पढ़ती है और साथ ही पारिवारिक और वैवाहिक जीवन भी इस दौरान काफी हद तक कष्टप्रद होने की संभावना निर्मित होती है। उल्लेखनीय है कि धनु राशि से शनिदेव की साढ़ेसाती का प्रभाव आगामी 17 जनवरी 2023 को पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। साढ़े साती के हटने के बाद धनु राशि के जातकों के जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल सकता है। इस दौरान धनु राशि के जातक के भाग्य में अचानक से एक तेज चमक आने की संभावना है, जिसके कारण जातक को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कल्पना से भी अधिक सफलता प्राप्त होती है। इस दौरान सामाजिक , आर्थिक, राजनैतिक और पारिवारिक सभी स्तरों पर जातक को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।