सुप्रीम कोर्ट ने संभल स्थित शाही जामा मस्जिद को लेकर निचली अदालत द्वारा दिए गए आदेश पर स्थगन (stay) आदेश जारी किया है। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को निर्देश दिया है कि वे निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करें। इस आदेश के तहत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन रहेगा, तब तक निचली अदालत कोई भी कार्रवाई नहीं करेगी।
शाही मस्जिद सर्वे रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एडवोकेट कमीशन से शाही जामा मस्जिद का सर्वे रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अदालत में प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। रिपोर्ट को लेकर 6 जनवरी को अगली सुनवाई होगी, जब सुप्रीम कोर्ट मामले की फिर से समीक्षा करेगा।
सुप्रीम कोर्ट की चिंता: शांति और सद्भाव बनाए रखना जरूरी
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान शांति और सद्भाव बनाए रखने पर जोर दिया है। न्यायालय ने इस मामले को लेकर गहरी चिंता जताई है, खासकर उस घटनाक्रम को लेकर जिसमें सर्वे की प्रक्रिया के बाद हिंसा भड़की थी। कोर्ट ने कहा कि वह इस मुद्दे पर तटस्थ रहकर शांति की स्थापना करना चाहता है।
निचली अदालत के आदेश पर आपत्ति और उच्च न्यायालय से त्वरित सुनवाई की अपील
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर आपत्ति जताई है और कहा कि इस मामले में उच्च न्यायालय को जल्द से जल्द सुनवाई करनी चाहिए। कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय से अपील की है कि वे तीन दिनों के भीतर सुनवाई करें, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।
मस्जिद कमेटी की याचिका और निचली अदालत के आदेश पर रोक की मांग
मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें 19 नवंबर के एकपक्षीय आदेश को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया कि निचली अदालत ने मस्जिद कमेटी का पक्ष सुने बिना ही सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया था। इसके बाद हुए सर्वे ने हिंसा का रूप लिया, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। याचिका में यह भी कहा गया कि 16वीं सदी की ऐतिहासिक धार्मिक इमारत के सर्वे का आदेश गलत था और यह धार्मिक स्थल संरक्षण कानूनों के खिलाफ है।
सर्वे के दौरान हिंसा और जनहानि
19 नवंबर को जब कोर्ट कमिश्नर ने सर्वे शुरू किया, तब संभल में भारी तनाव पैदा हो गया था। सर्वे के दौरान उग्र भीड़ के कारण पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी, जिससे पांच लोगों की जान चली गई। इस घटना ने पूरे इलाके में तनाव और असुरक्षा का माहौल बना दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिए
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मस्जिद के सर्वे को लेकर कोई भी कार्रवाई करते वक्त दूसरे पक्ष की राय ली जानी चाहिए थी, ताकि सांप्रदायिक तनाव से बचा जा सके। कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि ऐसे आदेशों से धर्मनिरपेक्षता और कानून-व्यवस्था की समस्या न बने।
अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को तय की है, जब अदालत इस मामले में आगे की कार्रवाई पर विचार करेगा। इस दौरान यह भी तय होगा कि उच्च न्यायालय द्वारा मस्जिद के सर्वे के आदेश पर कोई स्थगन आदेश जारी किया जाता है या नहीं।