सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की तथ्य जांच इकाई (एफसीयू) को केंद्र सरकार के व्यवसाय से संबंधित ऑनलाइन सामग्री के लिए आधिकारिक तथ्य-जांच निकाय के रूप में अधिसूचित करने वाले केंद्र के आदेश पर रोक लगा दी है, कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा गंभीर है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचिड की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन नियम, 2023 के नियम 3(1)(बी)(अ) के संचालन पर रोक लगाने का प्रथम दृष्टया मामला बॉम्बे उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित कार्यवाही है… हम लंबित रहने का निर्देश देते हैं, उच्च न्यायालय द्वारा निपटान, 20 मार्च की अधिसूचना पर रोक रहेगी,
बता दें यह आदेश कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन्स की याचिका पर आया, जिन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट के 11 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें केंद्र सरकार को पीआईबी के एफसीयू को तथ्य-जांच निकाय के रूप में अधिसूचित करने से रोकने से इनकार कर दिया गया था।
कामरा ने वकील पृथा कुमार अय्यर के माध्यम से दायर अपनी याचिका में कहा, “हालांकि आईटी (मध्यवर्ती) नियम मुख्य रूप से मध्यस्थों पर निर्देशित हैं, यह उपयोगकर्ता (और विभिन्न प्लेटफार्मों पर उनके द्वारा बनाई और होस्ट की गई जानकारी) हैं जो कि विवादित विषय हैं।