Sawan 2024 : सावन का महीना जल्द ही शुरू होने जा रहा हैं. बता दे कि इस साल सावन 22 जुलाई से शुरू हो रहा है, जिसको लेकर कावड़ियों के मंदिरों में आने-जाने का सिलसिला शुरू हो चूका है. बता दे कि कावड़िये नर्मदा नदी या गंगा का जलभर भोले बाबा का स्नान करवाने के लिए दूर-दूर तक जाते है जिससे उनकी मांगी हुई मनोकामना पूर्व होती है.
इस कड़ी में आपको बता दे कि इस साल सावन के महीने में 72 सालों के बाद बेहद दुर्लभ योग बनने जा रहे है, जिसमें उपाय के साथ पूजा करने से आपको अपार धन प्राप्ति होगी साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी. तो आइयें आज हम आपको बताते है आज कुछ ऐसे उपायों के बारें में जिसे अपनाकर आप बाबा भोलेनाथ को प्रसन्न कर मां लक्ष्मी को भी खुश कर सकते है. ये है वो पांच चमत्कारी उपाय जो बाद सकते है आपकी किस्मत…
1. लहसुन, प्याज खाने से बचे
अगर आप बाबा भोलेनाथ के भक्त है तो आपको सावन के महीने में लहसुन, प्याज खाने से बचना चाहिए. क्योंकि इन दोनों चीज की तासीर बहुत गर्म होती है, जिससे आपके शरीर में काम- वासना, क्रोध, बौखलाहट और तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है.
2. पेड़ काटने की भूल नहीं करे
सावन के माह में गलती से भी किसी हरे-भरे पेड़-पौधे का ना काटे. क्योंकि बाबा भोलेनाथ हिमालय, जंगल, गुफाओं में निवास करते हैं. उन्हें हरियाली बहुत पसंद है. काटने के बजाय घर में पेड़-पौधे लगाकर हरियाली फैलाएं ताकि भोलेनाथ और अधिक प्रसन्न हो सके.
3. जरूरतमंदों की मदद करें
भोलेनाथ के प्रिय सावन के महीने में जितना हो सके आप दान-पुण्य अधिक करें। काम से कम 5 जरूरतमंदों को उनके जरुरत की चीजे दान अवश्य करे.
4. भगवान शंकर की स्तुति करें
सावन के महीने में आप भगवान शंकर की स्तुति रोजाना करें. इसको करने से आपके दिमाग में आने वाले बुरे विचार दूर होंगे और आपको एक अलग ही तरह की अनुभूति प्राप्त होगी. ऐसा करने से भगवान शंकर के साथ-साथ माता लक्ष्मी भी आप पर कृपा की बरसात करेगी और छप्पड़फाड़ धन देगी.
5. मांस- मदिरा को त्याग दे
अगर आप मांस-मदिरा का सेवन करते है, तो इसको सावन के माह में पूरी तरह से त्याग दे और हर सोमवार को शिव मंदिर में जाकर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाएं साथ ही पूजा-अर्चना करके उनके आगे शीश नवाकार प्रणाम करें. ऐसा कहा जाता है कि बाबा भोलेनाथ को गलती से भी केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए. इससे अशुभ फलों की प्राप्ति होती है और हानि होने की सम्भावना बढ़ जाती है.