राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) के प्रशंसकों के लिए यह सीजन शानदार रहा है। 14 साल के लंबे इंतजार के बाद, राजस्थान रॉयल्स ने इंडियन प्रीमियर लीग 2022 के फाइनल में अपनी जगह बना ली है। संजू सैमसन की अगुवाई में खेल रही राजस्थान रॉयल्स ने अहमदाबाद में हुए क्वालीफायर में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर पर सात विकेट से जीत हासिल की। सैमसन की शानदार कप्तानी में राजस्थान रॉयल्स ने इस पूरे सीजन में प्रशंसनीय प्रदर्शन किया है। सैमसन का क्रिकेट खेलने का स्टाइल बड़ा अनोखा है, और उन्होंने इसे बार-बार साबित किया है।
हाल ही में, ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस’ पर गौरव कपूर के साथ एक इंटरव्यू में सैमसन का बयान ट्विटर पर वायरल हो गया, जिसमें वो सैमसन ने अपने रास्ते में आने वाली असफलताओं के बावजूद सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की बात कहते नजर आ रहे हैं। इस इंटरव्यू के दौरान आरआर कप्तान ने कहा कि वह टीम पर प्रभाव डालना चाहते थे और बहुत सारे रन बनाना पर फोकस नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा” मैं यहां बहुत अधिक रन बनाने के लिए नहीं हूं। मैं बस कुछ ऐसे रन बनाना चाहता हूं, जो टीम के लिए प्रभावशाली साबित हों।”
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गुजरात के खिलाफ मंगलवार को सैमसन पहली पारी की पिच पर गेंद को अच्छी तरह से टाइम कर रहे थे। वह चाहते तो बड़ा स्कोर कर सकते थे। इसके बजाय, उन्होंने बटलर के कंधे से कुछ दबाव कम करने के लिए इसे अपने ऊपर ले लिया और उन्हें स्लॉग ओवरों तक ले जाने के फॉर्मूले पर काम किया। सैमसन ने मैच में सिर्फ 26 गेंदों में 47 रनों की तेज पारी खेली। आखिरी प्लेऑफ़ में, उन्होंने 21 गेंदों में 23 रनों का योगदान दिया, जिससे जायसवाल के विकेट के बाद रनों के बहाव को रोका नहीं और बटलर के लिए बड़े रन बनाने का रास्ता साफ़ हों गया।
हाल ही में, संगकारा ने सैमसन के क्रिकेट के प्रति जुनून और ‘कप्तानी में एक्सपेरिमेंट करने की उनकी कोशिशों की सराहना की। हमने देखा है कि पूरे सीजन में उन्होंने प्रत्येक क्षेत्र में अपने आप को कैसे सुधारा है। उन्होंने अपनी टीम पर भरोसा किया और बदले में टीम उन्हें एक लीडर के रूप में फाइनल्स तक लेकर पहुंच गई है। एक कप्तान के तौर पर सैमसन के दिमाग में जोखिम लेने से जुड़ा कोई संकोच नहीं है और राजस्थान रॉयल्स में, उनकी मानसिकता, उनकी भूमिका के साथ पूरी तरह से फिट बैठती है, जो कि शीर्ष क्रम के अधिकांश भारतीय बल्लेबाजों से काफी अलग है जो अपनी फ्रेंचाइजी की कप्तानी कर रहे हैं।
पूरे सीजन में, उन्होंने मैथमेटिकल जोखिम उठाए हैं और उनमें से अधिकांश में सफल रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि कप्तान सैमसन फाइनल मैच में क्या करने की योजना बनाते हैं। अश्विन, चहल, जोस बटलर, और ट्रेंट बोल्ट जैसे तेज तर्रार खिलाड़ियों के साथ-साथ प्रसिद्ध कृष्णा और यशस्वी जायसवाल जैसे युवाओं का एक सुपर पैक की कमान संभालना आसान नहीं है; लेकिन सैमसन ने इसे बेहतरीन तरीके से निभाया है। कुछ दिन पहले इरफान पठान ने सैमसन को ‘खतरों के खिलाड़ी’ और ‘आईपीएल के बेहतरीन युवा कप्तानों में से एक’ करार दिया था। सोशल मीडिया यूजर्स ने भी लगातार टीम और कप्तान की प्रशंसा और समर्थन किया हैं।
इससे पहले जैसे ही बटलर ने इस आईपीएल में अपना चौथा शतक जड़ा और राजस्थान को फाइनल में पहुंचाया, वैसे ही ट्विटर पर हंगामा मच गया। सीजन के आखिरी मैच में दोनों टीमों के लिए करो या मरो की स्थिति होगी। 800 से अधिक रनों के साथ बटलर को फर्ग्यूसन और यश दयाल से भिड़ना है। क्या सैमसन राशिद खान के साथ कोई जोखिम लेंगे? विली चहल और प्रयोगात्मक अश्विन के साथ वह क्या रणनीति अपनाएंगे? प्रत्याशा काफी अधिक है। प्रशंसक और क्रिकेट प्रेमी निश्चित रूप से इस मैच को आने वाले युगों तक याद रखेंगे।!!!