मध्य प्रदेश में करीब एक साल के इंतज़ार के बाद अब नए राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है। राज्यभर में बड़ी संख्या में लोगों ने पहले ही अपने नाम जोड़ने के लिए आवेदन किए थे, लेकिन कोटा भर जाने की वजह से ये आवेदन लंबित पड़े थे। अब सरकार ने इन आवेदनों पर काम शुरू कर दिया है। शुरुआती चरण में लगभग 8 लाख लोगों के नाम पात्रता सूची में शामिल किए जा चुके हैं, जबकि करीब 7 लाख नए आवेदनों पर जांच और सत्यापन की प्रक्रिया फिलहाल जारी है।
केंद्र से तय कोटा था पूरा, इस वजह से रुकी थी प्रक्रिया
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मुताबिक, केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश को 5 करोड़ 46 लाख लाभार्थियों का कोटा तय किया है। इस कोटे के तहत हर महीने करीब 2.91 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा खाद्यान्न का आवंटन किया जाता है। पिछले साल तक यह पूरा कोटा उपयोग में आ चुका था, जिससे नए पात्र परिवारों को राशन सूची में जोड़ा नहीं जा पा रहा था। स्थिति को समझते हुए विभाग ने एक राज्यव्यापी विशेष सर्वे अभियान शुरू किया ताकि पता लगाया जा सके कि किन नामों को सूची से हटाया जा सकता है और किन्हें जोड़ा जाना चाहिए।
सर्वे में मिली बड़ी खामियां – कई मृत और प्रवासी लोगों के नाम सूची में बने थे
विशेष सर्वे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच में पाया गया कि करीब 15 लाख लोग ऐसे हैं जो अब अपने मूल पते पर नहीं रह रहे — यानी या तो वे किसी दूसरे जिले में चले गए हैं या फिर किसी अन्य राज्य में बस चुके हैं। इसके अलावा कई ऐसे लोगों के नाम भी सूची में थे जिनकी मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन रिकॉर्ड अपडेट नहीं हुआ था। इस स्थिति को सुधारते हुए विभाग ने जनवरी से अब तक इन 15 लाख नामों को राशन सूची से हटाने की कार्रवाई पूरी कर ली है। इससे पात्र लोगों को शामिल करने के लिए जगह खाली हो गई है।
अब तेज़ी से जारी है ई-केवाईसी और पात्रता पर्ची देने का काम
पुराने और गलत नाम हटाए जाने के बाद अब नए राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया पूरे प्रदेश में तेज़ी से चल रही है। आवेदन करने वालों की ई-केवाईसी (e-KYC) की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि केवल योग्य लोगों को ही सरकारी योजना का लाभ मिले। ई-केवाईसी पूर्ण होने के बाद आवेदकों को पात्रता पर्ची (eligibility slip) दी जा रही है, जिसके बाद राशन कार्ड जारी किया जाएगा। विभाग ने सभी जिला और तहसील स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पात्र लोगों की कोई भी फाइल लंबित न रहे।
ऑनलाइन हो गई है पूरी आवेदन प्रक्रिया
अब सरकारी राशन योजना में नाम जोड़वाने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है। गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार अपने नजदीकी लोक सेवा केंद्र या च्वाइस सेंटर पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। उन्हें पात्रता से जुड़े दस्तावेज़ (जैसे आधार कार्ड, निवास प्रमाण, परिवार पहचान पत्र आदि) जमा कराने होंगे। आवेदन के बाद सारी जानकारी डिजिटल तरीके से सत्यापित की जाएगी। इस प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ेगी और लोगों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
जांच के बाद ही जोड़े जाएंगे नए नाम – विभाग हुआ सख्त
इस बार विभाग ने साफ कर दिया है कि राशन कार्ड में नाम जोड़ने से पहले हर आवेदन की बारीकी से जांच की जाएगी। पात्रता की पुष्टि होने पर ही व्यक्ति का नाम जोड़ा जाएगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई है ताकि अपात्र लोग सरकारी अनाज वितरण योजना का अनुचित लाभ न उठा सकें।
अब तक आठ लाख नए नाम जुड़े, प्रक्रिया जारी
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के आयुक्त कर्मवीर शर्मा ने बताया कि “मध्य प्रदेश को केंद्र से 5 करोड़ 46 लाख लाभार्थियों का कोटा मिला है। हाल ही में हुए सर्वे में 15 लाख नाम हटाए गए हैं। अब तक करीब 8 लाख नए पात्र परिवारों के नाम जोड़े जा चुके हैं। यह प्रक्रिया निरंतर जारी है और आगे भी जांच-पड़ताल के बाद नए पात्र लोगों को जोड़ा जाएगा।” उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी जरूरतमंद परिवार बिना राशन के न रहे और हर पात्र व्यक्ति तक योजना का लाभ सही समय पर पहुंचे।