Rudraksh Benefits: इन लोगों को गलती से भी नहीं धारण करना चाहिए रुद्राक्ष, धारण करते समय जरूरी है इन 5 नियमों का पालन

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Rudraksh Benefits : हमारे जीवन में ग्रहों और नक्षत्रों का गहरा प्रभाव होता है। ये हमारी जिंदगी में आने वाली घटनाओं और परिस्थितियों का मार्गदर्शन करते हैं। कई बार ग्रहों की नकारात्मक स्थिति के कारण व्यक्ति को कठिनाई होती है, जिसे ज्योतिषीय उपायों से ठीक करने का प्रयास किया जाता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण उपाय रत्न शास्त्र है, जिसमें ग्रहों के प्रभाव को कम करने के लिए विशेष रत्नों का उपयोग किया जाता है। रुद्राक्ष भी एक ऐसा रत्न है, जिसे विशेष महत्व दिया गया है। यह भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ माना जाता है और उनके प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।

रुद्राक्ष (Rudraksh) का महत्व

रुद्राक्ष हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ था और शिव जी को यह बहुत प्रिय है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति पर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है। रुद्राक्ष को चमत्कारी माना जाता है, और यह व्यक्ति के जीवन में संकटों को दूर करने, ग्रहों की अशुभता को शुभता में बदलने, और सेहत को बेहतर बनाने के लिए प्रभावी माना जाता है। शिव भक्तों द्वारा रुद्राक्ष पहनने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है, और यह उनके जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ने में सहायक माना जाता है।

रुद्राक्ष (Rudraksh) पहनने के लाभ

रुद्राक्ष पहनने से अनेक लाभ होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से:

  • ग्रहों की अशुभता का निवारण: रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली कठिनाइयों और ग्रहों की नकारात्मक स्थिति को सुधारने में मदद मिलती है।
  • स्वास्थ्य लाभ: रुद्राक्ष को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह मानसिक शांति, शारीरिक ऊर्जा, और आत्मविश्वास में वृद्धि करता है।
  • संकटों का नाश: रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली मुश्किलें और संकट दूर होते हैं, और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

किसे नहीं पहनना चाहिए रुद्राक्ष (Rudraksh)?

हालाँकि रुद्राक्ष के कई लाभ हैं, लेकिन कुछ व्यक्तियों को इसे पहनने से बचना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष कुछ विशेष परिस्थितियों में अशुभ हो सकता है। निम्नलिखित लोग रुद्राक्ष पहनने से बचें:

  • गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को रुद्राक्ष पहनने से बचना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि रुद्राक्ष का प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ सकता है, और इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  • मांसाहारी लोग: मांसाहारी व्यक्तियों को रुद्राक्ष पहनने से परहेज करना चाहिए। रुद्राक्ष का संबंध पवित्रता से है, और मांसाहारी भोजन से रुद्राक्ष अशुद्ध हो सकता है, जिससे नकरात्मक प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं।

रुद्राक्ष (Rudraksh) पहनने के नियम

रुद्राक्ष पहनते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि इसके प्रभावी लाभ प्राप्त हो सकें। ये नियम इस प्रकार हैं:

  • धागे का रंग: रुद्राक्ष को कभी भी काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए। इसे लाल या पीले रंग के धागे में पहनना शुभ माना जाता है।
  • स्नान के बाद पहनें: रुद्राक्ष को हमेशा स्वच्छ हाथों से और स्नान के बाद पहनना चाहिए। यह उसकी पवित्रता को बनाए रखता है।
  • जप करना: रुद्राक्ष धारण करते समय “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना चाहिए। इससे रुद्राक्ष का प्रभाव और अधिक बढ़ता है।
  • दूसरे व्यक्ति को न दें: आपने जो रुद्राक्ष पहना है, वह किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे उसका प्रभाव कम हो सकता है।
  • सोते समय रुद्राक्ष उतारें: रुद्राक्ष को सोते समय उतार देना चाहिए, क्योंकि इसे सोते समय पहनने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो सकता है।

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